Bihar Jamin Survey News: बिहार में जारी जमीन सर्वे के बीच एक और बड़ी खबर आई है. मंगलवार (17 दिसंबर) को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Revenue and Land Reforms Department) के सचिव जय सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक में ई मापी, भू अभिलेख पोर्टल, भू समाधान, भू संपरिवर्तन व ऑनलाइन लगान, ऑनलाइन दाखिल-खारिज एवं ऑनलाइन परिमार्जन समेत अंचल निरीक्षण की व्यवस्था पर चर्चा हुई.


जय सिंह ने कहा कि सरकारी भूमि, न्यायालय के आदेश, विधि व्यवस्था एवं लोक शिकायत में पारित आदेशों से संबंधित मामलों में वेबसाइट के ड्रॉपडाउन मेन्यू में जोड़ा जाए. परिमार्जन के छोड़े गए जमाबंदी के मामले में बिना जमाबंदी संख्या के भी नापी के आवेदन लेने की व्यवस्था सॉफ्टवेयर में सुनिश्चित की जाए.


समय पर राशि भुगतान नहीं करने वाले ध्यान दें


जय सिंह ने कहा कि जिलावार प्रति अमीन अभी औसत तीन नापी के मामले निष्पादित किए जा रहे हैं. इसमें सरकारी भूमि की नापी की संख्या को नहीं जोड़ा जा रहा है. ऐसी स्थिति में सरकारी भूमि की नापी के अभिलेखों को भी ऑनलाइन हर हाल में कराया जाए. नापी के मामलों में समय पर फीस का भुगतान नहीं करने वाले आवेदकों के आवेदन को 60 दिनों के अंदर निरस्त किया जाए. रेवेन्यू कोड मैनेजमेंट सिस्टम के तहत ई-मापी के अंतर्गत आवेदन करने और उसकी अंतिम रिपोर्ट को देखने की व्यवस्था की जाए.


ऑनलाइन दाखिल-खारिज एवं ऑनलाइन परिमार्जन के मामलों पर जय सिंह ने कहा, "ऑनलाइन दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन प्लस के तहत प्राप्त आवेदनों के गुणवत्तापूर्ण निष्पादन की समय-समय पर समीक्षा हो. विभागीय सभी पदाधिकारी महीने में कम से कम दो जिलों के एक भूमि सुधार उप समाहर्ता एवं एक अंचल कार्यालय का निरीक्षण करें. वैसी जमाबंदी जिसमें रकबा तो अंकित है लेकिन लगान अंकित नहीं है वैसे मामलों में केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत लगान अंकित करें."


बसेरा दो अभियान को लेकर क्या कहा गया?


समीक्षा बैठक में जय सिंह ने बसेरा दो अभियान की भी चर्चा की. इसको लेकर उन्होंने कहा कि सहरसा, मधेपुरा, पं चंपारण, बक्सर, भागलपुर एवं वैशाली में बसेरा दो के तहत योग्य लाभुकों के चयन के लिए तैयार सर्वेक्षण सूची में गड़बड़ी करने वाले कर्मचारियों पर की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन संबंधित समाहर्ता से मांगा जाए.


कहा गया कि पर्चा वितरण के प्रस्ताव में किसी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर सात दिनों के अंदर संबंधित अंचलाधिकारी को भूमि सुधार उप समाहर्ता के कार्यालय में बुलाकर उसका समाधान के लिए पत्र प्रेषित किया जाए. सरकारी भूमि की अनुपलब्धता की स्थिति में मुख्यमंत्री गृह स्थल सहायता योजना के तहत भूमि उपलब्ध कराने के लिए सभी समाहर्ता को पत्र प्रेषित किया जाए.


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