Jamui Fake IPS Mithilesh Manjhi: बिहार के जमुई में अभी कुछ दिनों पहले सिकंदरा थाने की पुलिस ने एक फर्जी आईपीएस को पकड़ा था. पकड़े गए युवक ने अपना नाम मिथिलेश मांझी (18 वर्ष) बताया था और थाने में पुलिस को ठगी की कहानी सुनाई थी. बताया था कि कैसे उसने मनोज सिंह नाम के एक व्यक्ति को दो लाख रुपये दिए जिसने उसे आईपीएस की वर्दी और पिस्टल दे दी. अब इस पूरे मामले में पुलिस जांच शुरू की तो हैरान कर देने वाली बात सामने आई है. सच्चाई सामने आने के बाद पुलिस भी माथा पीट रही है.
पुलिस ने 20 सितंबर को मिथिलेश मांझी को पकड़ा था. वह खैरा थाना क्षेत्र से हलसी जा रहा था. पकड़े जाने के बाद मिथिलेश ने पुलिस को बताया था कि मनोज सिंह नाम के एक व्यक्ति को उसने दो लाख रुपये दिए थे. मनोज सिंह ने ही वर्दी दी थी. पिस्टल भी दी थी हालांकि वह नकली थी. अब उसकी यह सारी कहानी झूठी निकली है. जांच में जो सच्चाई आ रही है उससे यही पता चल रहा है कि मिथिलेश शातिर खिलाड़ी से कम नहीं है.
जमुई एसडीपीओ ने बताई पूरी कहानी
जमुई के एसडीपीओ सतीश सुमन ने मंगलवार (01 अक्टूबर) को कहा कि अनुसंधानकर्ता और थानाध्यक्ष के साथ उस एरिया में जांच की गई तो लगभग चार मनोज सिंह मिले. सबसे मिथिलेश मांझी की पहचान कराई गई, लेकिन उनमें से किसी की पहचान मिथिलेश ने उस रूप में नहीं की जिसको उसने पैसे दिए थे एवं फर्जी आईपीएस की वर्दी ली थी.
अनुसंधान में यह बात भी सामने आई है कि जिस दिन मिथिलेश की ओर से कथित तौर पर पैसे देने की बात कही जा रही है उस दिन उसका लोकेशन खैरा ना होकर लखीसराय मिला है. इस मामले में एक अन्य बात मिथिलेश ने बताई थी कि उसने अपने मामा से दो लाख रुपये लिए थे, लेकिन पुलिस की पूछताछ में उसके मामा ने एक मुस्त दो लाख रुपये के भुगतान से इनकार किया है.
लखीसराय के हलसी का रहने वाला है मिथिलेश
अब पुलिस की जांच के बाद मिथिलेश ने जो कहानी सुनाई थी उससे कुछ भी मैच नहीं रहा है. बता दें कि मिथिलेश मूल रूप से लखीसराय के हलसी थाना क्षेत्र का रहने वाला है. पकड़े जाने के बाद फर्जी आईपीएस मिथिलेश की चर्चा देश भर में हो रही थी कि अब मामला पलटता दिख रहा है. पुलिस मान रही है कि उसने खुद ही कहानी बनाई है. अब पुलिस मिथिलेश पर कार्रवाई कर सकती है.
यह भी पढ़ें- Video: जमुई का फर्जी IPS अब बनेगा स्टार! देखिए जनाब का पहला वीडियो एल्बम