गया: कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या और संक्रमण से हो रहे मौतों के आंकड़े ने सभी को सकते में डाल दिया है. मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए सरकार अधिक से अधिक जांच कराने पर जोर डाल रही है. हालांकि, स्वास्थ्यकर्मी जांच लापरवाही बरत रहे हैं, जिस वजह से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है. ताजा मामला बिहार के गया जिले का जहां स्वास्थ्यकर्मियों ने युवा जेडीयू के जिला महासचिव को पहले कोरोना पॉजिटिव बताया. फिर एक घंटे के अंदर ही उन्हें कोरोना नेगेटिव बताया. अब जेडीयू नेता शंसय में हैं कि वो कोरोना संक्रमित हैं या नहीं. 


दरसअल, युवा जेडीयू के जिला महासचिव शिवा पांडेय शनिवार को अपने किसी परिजन को गया रेलवे जंक्शन से रिसीव करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने देखा कि स्टेशन परिसर के बाहर कोविड जांच केंद्र पर भीड़ कम थी, ऐसे में  वो जांच कराने पहुंच गए. जांच केंद्र पर उन्होंने रैपिड एंटीजन किट से जांच कराई, जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इसके बाद वहां मौजूद मेडिकल टीम ने उन्हें मेडिकल किट देकर होम आईशोलेशन में रहने की सलाह दी. 


इधर, घर पहुंचने के बाद दोस्तों ने उन्हें दोबारा जांच कराने की सलाह दी. ऐसे में उन्होंने जय प्रकाश नारायण अस्पताल स्थित कोविड जांच केंद्र पर रैपिड एंटीजन से जांच कराई, जिसमें उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आयी. इसके बाद उन्होंने पहले की गई टेस्ट के बारे में जानकारी दी. ऐसे में तीसरी बार उनका टेस्ट किया गया, जिसमें उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई. 


इस संबंध में शिवा पांडेय ने कहा कि एक ही अस्पताल के दो अलग-अलग जांच केंद्रों पर अलग-अलग रिपोर्ट कैसे आ सकती है. उन्हें समझ नहीं आ रहा की वे अब क्या करें. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जांच के नाम पर कर्मचारी खानापूर्ति कर रहे हैं. घोर लापरवाही बरती जा रही है.


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