पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Chandrashekhar) ने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर कुछ दिनों पहले बयान दिया था, जिसके बाद से लगातार बवाल जारी है. बिहार ही नहीं बल्कि यूपी समेत देश के कई राज्यों से प्रतिक्रिया आई कि चंद्रशेखर को माफी मांगनी चाहिए. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की पार्टी जेडीयू (JDU) ने भी यही कहा था. सोमवार को पटना में एक कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार के करीबी और निर्दलीय एमएलसी महेश्वर सिंह (Maheshwar Singh) के बयान से जेडीयू और आरजेडी में बड़ी फूट दिख रही है.


एमएलसी महेश्वर सिंह सोमवार को पटना में आयोजित महाराणा प्रताप के कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस दौरान मंच पर जेडीयू के कई नेता और नीतीश सरकार के मंत्री भी मौजूद थे. महेश्वर सिंह ने कहा कि रामचरितमानस का विरोध करने वाले हिजड़े हैं. रामचरितमानस भाई-भाई, गुरु-शिष्य, पति-पत्नी को संस्कार सिखाता है.






विरोध करने वालों को सजा मिलेगी: महेश्वर सिंह


महेश्वर सिंह ने अपने भाषण के दौरान कहा कि अब तो इतना होने लगा है कि रामचरितमानस को बैन करने की मांग होने लगी है. जो रामचरितमानस भाई को भाई से, गुरु को शिष्य से, पति को पत्नी से, मां और पिता को बच्चों से प्रेम सिखाता है, अच्छे संस्कार देता है उस पर यह लोग विरोध करते हैं. इनकी सजा उन्हें मिलेगी.


सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर हो फिल्म सिटी


महेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर इशारा करते हुए कहा कि सरकार के सभी लोग यहां मौजूद हैं. आनंद मोहन को जेल से रिहा किया जाए. प्रभुनाथ सिंह जेल में बंद हैं. उनको भी रिहा किया जाए. मौके पर विधान पार्षद संजय सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की और कहा कि बिहार में बन रहे फिल्म सिटी का नाम सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर हो. महाराणा प्रताप के नाम पर अवकाश घोषित हो.


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