JDU Supported RSS On Caste Census: आरएसएस ने सोमवार (2 सितंबर) को जाति जनगणना पर कहा कि हम लोगों ने पहले भी बोला है कि हमारे हिंदु धर्म में जाति और सम्प्रदाय बहुत संवेदनशील मामला है और इसको चुनाव से ऊपर उठकर गंभीरता के साथ इसको डील करना चाहिए.  सरकार अगर किसी एक कास्ट और कम्यूनिटी की बेहतरी के लिए कोई संख्या चाहती है तो लेना चाहिए. पहले भी लेती रही है. इसको चुनावी लाभ के लिए नहीं होना चाहिए. आरएसएस के बयान का जनता दल यूनाइटेड ने समर्थन किया है. जेडीयू प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि आरएसएस ने वही कहा है जो हमारे नेता नीतीश कुमार हमेशा से कहते रहे हैं.


जेडीयू ने किया आरएएस के बयान का समर्थन


प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि नीतीश कुमार ने हमेशा कहा है कि जातीय गणना समाज को ऊपर उठाने के उद्देश्य से होना चाहिए ना कि राजनीतिक लाभ के लिए होना चाहिए. राहुल गांधी जिस तरह से अभी जातीय गणना का मुद्दा उठा रहे हैं तो वह सिर्फ राजनीति कर रहे हैं. हमारे नेता नीतीश कुमार ने अब बिहार में यह कर के दिखा दिया है जो कि रोल मॉडल है. कांग्रेस शासित राज्यों में राहुल गांधी क्यों नहीं करवा रहे हैं. कर्नाटक में जातीय गणना हुआ है, लेकिन उसे धरातल पर क्यों नहीं लाया गया. क्यों नहीं सार्वजनिक किया जा रहा है, तो निश्चित तौर पर आरएसएस  ने जो जो कहा है वह सही है. कांग्रेस सिर्फ चुनावी मुद्दा इसे बनाना चाहती है.


जाति जनगणना को लेकर राजनीति गर्म


देश में इन दिनों जतियों को लेकर राजनीति गर्म है. चाहे, जाति जनगणना का मुद्दा हो, या आरक्षण का या फिर क्रिमी लेयर की बात हो. तमाम ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर वोट की राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं. हालांकि तमाम मुद्दों के अधार यही है कि गरिबों और वंचितों को कैसे मुख्य धारा में लाया जाए. कैसे उन्हें विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाया जाए, जो देश के विकास के लिए भी जरूरी है. हालांकि जाति जनगणना कराने से इंकार आज तक किसी भी पार्टी ने नहीं किया, फिर भी बिहार को छोड़कर आज तक ये किसी भी राज्य में सही तरीके से नहीं हो सका. 


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