नालंदाः हरनौत थाना क्षेत्र के एक गांव में पड़ोसी के घर फ्रीज में रखी मिठाई चुराकर खाने के आरोपी बच्चे को गुरुवार को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया. किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र ने आदेश में कहा है कि हमें बच्चों के मामले में सहिष्णु और सहनशील होना पड़ेगा. अगर माखन चोरी बाल लीला है तो मिठाई चोरी अपराध कैसे? उनकी कुछ गलितयों को समझाना पड़ेगा कि आखिर बच्चे में भटकाव किस परिस्थिति में आई.
बच्चा समझकर खत्म कर देनी थी बात
किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र ने एक बार हम बच्चे की मजबूरी, परिस्थिति, सामाजिक स्थिति को समझ जाएं तो उनके इन तुक्ष्य अपराधों पर विराम लगाने के लिए समाज स्वयं आगे आने और मदद के लिए तैयार हो जाएगा. भगवान कृष्ण अनेकों बार दूसरे के घर से माखन चुराकर खा लेते थे और मटकी भी फोड़ देते थे. यदि वर्तमान समाज जैसा उस समय का समाज रहता तो बाल लीला की कथा नहीं होती. यह जानते हुए कि बच्चा ननिहाल आया हुआ है और मिठाई खा लिया तो उन्हें बात खत्म करनी चाहिए थी.
बिहारशरीफ के हरनौत थाना क्षेत्र का मामला
बता दें कि यह मामला बिहारशरीफ के हरनौत थाना क्षेत्र के चेरो ओपी अंतर्गत एक गांव का है. बच्चा आरा जिले का रहने वाला है और वह घूमने के लिए अपने ननिहाल आया था. सात सितंबर को वह पड़ोस की मामी के घर घुस गया था. फ्रीज खोलकर उसमें रखी सारी मिठाई खा गया. फ्रीज के ऊपर एक मोबाइल रखा था जिसे लालचवश लेकर निकल गया और मोबाइल से गेम खेल रहा था उसी वक्त मामी ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंप दिया.
‘जेनरल डायरी में दर्ज करना चाहिए था केस’
इस मामले में बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी ने भी अपनी रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की है कि वह भूख के कारण पड़ोसी के घर में घुस गया था. लालचवश उसने मोबाइल लिया था. अन्य कोई सामान चुराने की पुष्टि नहीं हुई है. कोर्ट ने कहा कि बिहार किशोर न्याय अधिनियम 2017 के तहत पुलिस को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बजाय डेली जेनरल डायरी में दर्ज करना चाहिए था.
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