पटना : राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड की मांग को लेकर हड़ताल पर है.जूनियर डॉक्टरों की इस हड़ताल में पीएमसीएच के इंर्टन डॉक्टर भी शामिल हो गए हैं. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है.


कल (शनिवार)बड़ी संख्या में पीएमसीएच से मरीज बिना इलाज करा ही वापस लौट रहे थे तो वार्डों में भी वेड खाली होने लगे हैं. ओपीडी में मरीजों की संख्या घटकर आधी हो गई है, वहीं कई बड़े ऑपरेशन भी टाल दिए गए हैं इमरजेंसी से भी आए मरीज लौटने लगे हैं.


इस बीच पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों को समझाने का प्रयास विफल साबित साबित हुआ. बताते चलें कि पीएमसीएच के अधीक्षक और प्राचार्य ने जूनियर डॉक्टरों के 11 प्रतिनिधियों को बुलाकर वार्ता की और हड़ताल वापस लेने की बात कही, लेकिन वार्ता विफल रही. हड़ताल के कारण राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में भर्ती मरीजों की जान पर आफत आ गई है.


हालांकि अब पीएमसीएच प्रशासन कड़ी कार्यवाही की चेतावनी भी दे रहा है लेकिन इस चेतावनी का कोई असर जूनियर डॉक्टरों पर होता नहीं दिख रहा. .उन्होंने बिना स्टाइपेंड वृद्धि के काम को वापस लौटने से साफ इनकार कर दिया है इस बीच मरीजों की फजीहत लगातार बढ़ती जा रही है.


पीएमसीएच और एनएमसीएच से लेकर सुबह के अधिकतर मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराती दिखी. पीएमसीएच में शुक्रवार से लेकर शनिवार दोपहर तक इमरजेंसी में इलाजरथ 10 मरीजों की मौत हो गई है. इसमें एक मरीज की मौत मेडिकल आईसीयू में, जबकि नौ की मौत टाटा वार्ड में हुई. वहीं एनएमसीएच की सेंट्रल इमरजेंसी में भर्ती 2 मरीजों की मौत भी हो गई और इस मौत के बाद उनके परिजनों ने जमकर हंगामा भी किया.


जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों पर अड़े


जूनियर डॉक्टरों के इस हड़ताल को तोड़वाने के लिए स्वास्थ विभाग ने पीएमसीएच के अधीक्षक और प्राचार्य को आगे किया है. उन्होंने शनिवार दोपहर जूनियर डॉक्टरों से वार्ता की और हड़ताल वापस लेने की बात कही, लेकिन वार्ता विफल रही. अधीक्षक डॉ. बीके कारक ने बताया कि हमारी और जूनियर डॉक्टरों को प्रस्ताव दिया गया है कि अगर आप हड़ताल तोड़ते हैं तो आप की मांग को हम आगे स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचाएंगे, जबकि जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर हरेंद्र कुमार ने बताया कि हमारी एक ही मांग है कि हमारे स्टाइपेंड को बढ़ाया जाए. इसे जनवरी 2020 से बढ़ाया जाना था, लेकिन अभी तक बढ़ाया नहीं गया है.


सिविल सर्जन कार्यालय से भेजे गए 18 डॉक्टरों ने पीएमसीएच में दिया योगदान


शनिवार को सिविल सर्जन कार्यालय से भेजे गए 18 डॉक्टरों ने भी पीएमसीएच में योगदान कर दिया है। इसके आने के बाद उम्मीद की जा रही है कि स्थिति कुछ बेहतर होगी और मरीजों की जान बचाने में मदद मिलेगी। डीएमसीएच परिसर में अब जूनियर डॉक्टरों ने टेंट लगाकर धरना देना शुरू कर दिया है. धरने में बैनर-पोस्टर के साथ भी अपनी मांगों को लेकर दिन भर बैठे रहे.