पटना: बिहार जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल का आज में 7वां दिन है.इस हड़ताल से राज्य की स्वास्थ व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है लेकिन न तो हड़ताल खत्म कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग पहल कर रहा है और न ही अस्पताल प्रबंधन. ये दोनों खुद को ही बचाने में हजारों मरीजों की जान से खेलते नजर आ रहे हैं. राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 7 दिनों से जारी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म कराने को लेकर अब तक विभाग की ओर से कोई पहल नहीं की गई है.


खबर ये भी आ रही है कि विभाग चाहता है कि मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य अपने स्तर पर जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त करने को लेकर कार्रवाई करें. इसके लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा मौखिक रूप से लगातार मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य व अधीक्षकों को निर्देश भी दिए जा रहे हैं.


वहीं मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य विभाग द्वारा कोई लिखित आदेश जारी नहीं होने से किसी प्रकार की कार्रवाई करने में असमर्थता जताई जा रह है. प्राचार्य की माने तो जूनियर डॉक्टरों पर कार्रवाई किए जाने से सीधे उनके निशाने पर आ जाएंगे. इधर, हड़ताल के कारण लगातार छठे दिन भी अस्पतालों में मरीज परेशान रहे और इलाज के दौरान इधर-उधर भटकते रहे.
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल आज (मंगलवार)सातवें दिन भी जारी है. इस हड़ताल से पीएमसीएच की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है आज सुबह से ही ओपीडी में मरीजों की संख्या बहुत कम दिख रही है. ऑपरेशन भी टाले जा रहे हैं और भर्ती मरीज पलायन को मजबूर हैं.


जो मरीज अभी भर्ती हैं उनका दर्द ये है कि सीनियर डॉक्टर वार्डों में 24 घंटे में एक बार आते हैं और तेजी में हालचाल लेकर निकल जाते हैं. ऐसे में मरीजों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. जूनियर डॉक्टर को मनाने के लिए पीएमसीएच प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी भी लगे हुए हैं, लेकिन बिना उचित आश्वासन के जूनियर डॉक्टरों ने किसी भी शर्त पर काम पर लौटने से मना कर दिया है.


जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में आईएमए


जूनियर डॉक्टरों की माने तो आईएमए भी उनकी मांगों का समर्थन कर रही है. उनकी ओर से स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से आईएमए बिहार के अध्यक्ष डॉ. विमल कारक ने बात की है, लेकिन देर शाम तक उनकी मांगों को माने जाने की कोई सूचना नहीं मिली है. इस कारण हड़ताल आगे भी जारी रहेगी. अगर उनकी ओर से और विभाग से कोई सकारात्मक संदेश मिलेगा तभी जूनियर डॉक्टर काम पर लौटेंगे.