(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बिहार: कैमूर पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में झूठे अपहरण की प्लानिंग का किया पर्दाफाश, जानें- क्या है पूरा मामला?
पुलिस ने इस मामले में कथित अपहृत चावल व्यवसायी सहित दो लोगों की गिरफ्तारी किया है. साथ ही उनके पास से फिरौती के दो लाख रुपये, एक बाइक और फिरौती की मांग के लिए इस्तेमाल की गई एक मोबाइल भी जब्त किया है.
कैमूर: बिहार के कैमूर जिले की पुलिस ने मंगलवार को झूठे अपहरण की प्लानिंग का पर्दाफाश किया है. वहीं, पुलिस ने इस मामले में कथित अपहृत चावल व्यवसायी सहित दो लोगों की गिरफ्तारी भी किया है. साथ ही पुलिस ने उनके पास से फिरौती के दो लाख रुपये, एक बाइक और फिरौती की मांग के लिए इस्तेमाल की गई एक मोबाइल भी जब्त किया है.
दरअसल, 21 नवंबर को भभुआ के वार्ड नंबर-3 निवासी विवेक कुमार के अपहरण करने की बात उनके परिजनों द्वारा पुलिस को बताई गई थी. उन्होंने बताया था कि विवेक शाम छह बजे घर से पैदल निकला और पूरी रात नहीं आया. उसका मोबाइल भी बंद है. वहीं अपहरणकर्ता द्वारा उसके ही मोबाइल से फोन कर ढाई लाख रुपए फिरौती मांगी जा रही थी. परिजनों के अनुसार पैसे नहीं देने या पुलिस को सूचना देने पर विवेक को जान से मारने की धमकी दी जा रही थी.
घटना की जानकारी पकार पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई थी. इसी क्रम में परिजनों ने अपहरणकर्ताओं को कल फिरौती की रकम लेने के लिए बुलाया, जहां पहले से भी पुलिस भी सादे लिबास में मौजूद थी. फिरौती लेने पहुंचे लोगों ने फिरौती ली और कुदरा से रोहतास जिले की तरफ तेजी से बाइक से भागने लगे. पुलिस भी सादे ड्रेस में उन लोग का पीछा कर रही थी. फिरौती की रकम लेने के लगभग दो घंटे होने के बाद भी जब अपहृत विवेक को अपहरणकर्ताओं ने नहीं छोड़ा तो एसपी के आदेश पर उनका पीछा कर रहे पुलिसकर्मियों ने बाइक से भाग रहे दो अपहरणकर्ता को धर दबोचा.
अपराधियों को पकड़ने पर पता चला कि उन दोनों में से एक युवक कथित अपहृत विवेक है और दूसरा उसका साथी है. पहले तो पुलिस पूछताछ में उन्होंने अपना जुर्म नहीं कबूला लेकिन बाद में विवेक ने बताया कि वह चावल का धंधा करता था. लॉकडाउन में उसका धंधा अच्छा नहीं चला और उसे काफी नुकसान हुआ, जिसके बाद घर से पैसे निकलवाने के लिए उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर यह पूरा प्लान रचा.
घटना के संबंध में कैमूर एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया चावल व्यवसायी के अपहरण का मामला संज्ञान में आया था, जहां अपहृत हुए विवेक कुमार के परिजनों ने पुलिस से हस्तक्षेप करने की मांग नहीं की थी. उन लोग का कहना था अपहरणकर्ता द्वारा ढाई लाख रुपए की मांग की गई है फिर दो लाख रुपये पर वे लोग मान गए हैं. हम लोग पैसा देने जा रहे हैं लेकिन इतने कम पैसे के लिए अगर पुलिस के हस्तक्षेप से मेरे भाई की जान चली जाती है तो इसका जिम्मेदार पुलिस होगा.
इसके बावजूद पुलिस अपने रिस्क पर सादे ड्रेस में लगी हुई थी. पुलिस की तत्परता से अपहरण का पर्दाफाश हुआ और अपने ही अपहरण के झूठे नाटक करने और फिरौती रकम मांगने विवेक और उसके सहयोगी शम्भु शरण के विरुद्ध मामला दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है.