Kishanganj Business Affected: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है. इसके बावजूद इसके अलग-अलग इलाकों में हिंसा का दौर जारी है, जिसे देखते हुए भारत बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल जवानों की संख्या में बढ़ोतरी कर दी गई है. बीएसएफ के वरीय अधिकारी लगातार सीमा पर नजर बनाए हुए हैं. अधिकारी अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. इन स्थितियों के कारण किशनगंज में व्यपार पर बड़ा असर देखा जा रहा है.
बॉर्डर इलाके में सुरक्षा बलों की सख्त तैनाती
भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा 4,096 किलोमीटर तक फैली हुई है, जिसमें से 936.415 किलोमीटर बीएसएफ के उत्तरी बंगाल फ्रंटियर के अधिकार क्षेत्र में है, जो दक्षिण दिनाजपुर जिले से कूचबिहार जिले तक पश्चिम बंगाल के 05 जिलों तक फैली हुई है. उत्तर बंगाल फ्रंटियर ने 04 बीएसएफ सेक्टरों के तहत कुल 18 बीएसएफ बटालियन तैनात की है, जो अब हाई अलर्ट पर है. किशनगंज जिले से सटे बंगाल के ग्वाल पोखर थाना क्षेत्र अंतर्गत अलग-अलग बीओपी यथा तीनगांव, नागोर भीटा, घोषपाड़ा पर जवानों की अतिरिक्त तैनाती की गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक बीते 5 अगस्त के बाद नॉर्थ बंगाल फ्रंटियर के अधीन आने वाले कई बीओपी पर बांग्लादेशी नागरिकों का अचानक ही जमावड़ा हो गया था, जो की हिंसा के डर से भारत में शरण लेना चाहते थे, जिन्हें समझा बुझा कर वापस जवानों ने बांग्लादेश भेजा है. इधर सीमावर्ती इलाके के ग्रामीणों में बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए पेशानी पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही हैं. शुक्रवार को सीमा क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि उनकी जमीन सीमा क्षेत्र में है और जब वो अपनी जमीन पर खेती करने जाते हैं, तो बांग्लादेशी नागरिकों से भी बात होती है.
ग्वालपोखर थाना क्षेत्र स्थित चकला गढ़ गांव के ग्रामीण श्यामल कुमार पाल, नीम लाल पाल ने बताया कि बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोग काफी डरे सहमे हुए हैं, जिसकी वजह से वो भारत में शरण लेना चाहते हैं, लेकिन तारबंदी और बीएसएफ की मौजूदगी के कारण भारत में प्रवेश नहीं कर पाते. श्यामल कुमार पाल ने बताया कि बांग्लादेश में रहने वाले अधिकांश हिंदू समुदाय के लोग आवामी लीग के समर्थक हैं और शेख हसीना के तख्तापलट के बाद हिंदू समुदाय के घरों में आग लगाई जा रही है. उनकी हत्या की जा रही है.
'बांग्लादेश की स्थिति से व्यापार पर भारी असर'
ग्रामीण नोनी गोपाल ने बताया कि बांग्लादेश की स्थिति भयावह है और इसके कारण व्यापार पर भी असर पड़ा है. भारत बांग्लादेश के बीच कपड़ा, मछली, अनाज, सब्जी सहित अन्य सामानों का आयात निर्यात होता है. ग्रामीणों ने बताया कि दोनों देशों के बीच करोड़ों रुपये का कारोबार होता है. भारत से फल आदि भेजें जाते हैं लेकिन इस उथल पुथल के कारण कारोबार ठप हो चुका है. ग्रामीणों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हस्तक्षेप करते हुए बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा को सुनिश्चित करवाना चाहिए. साथ ही शांति बहाली और व्यापार को लेकर ठोस कदम उठाना चाहिए.
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