मधुबनी: बिहार में हाल ही में एक लाख 20 हजार 336 शिक्षकों की बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की ओर से नियुक्ति हुई थी. शिक्षकों को नियुक्ति पत्र भी सौंपा गया था. अब नियमों के उल्लंघन पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) की ओर से कार्रवाई भी शुरू हो गई है. मधुबनी जिले की शिक्षिका बबीता कुमारी की ओर से 'माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक बीपीएससी अध्यापक संघ' बनाया गया था. ऐसा करने के कारण विभाग की ओर से उनकी नियुक्ति पत्र को रद्द कर दिया गया है.


दरअसल, पहले ही शिक्षा विभाग ने आयोग से चयनित शिक्षकों को कोई संघ या मंच नहीं बनाने का निर्देश दिया है. अपने निर्देश में विभाग ने कहा था कि ऐसा करने वाले शिक्षकों की नौकरी चली जाएगी. संभवतः एक लाख 20 हजार 336 नवनियुक्त शिक्षकों में नियुक्ति रद्द होने का यह पहला मामला है.


बता दें कि दो नवंबर को ही नवनियुक्त शिक्षिका बबीता कुमारी उर्फ बबीता चौरसिया को औपबंधिक नियुक्ति पत्र दिया गया था. इसके बाद आठ नवंबर को विभाग को यह जानकारी मिली कि बबीता द्वारा एक संघ स्थापित किया गया है. उन्होंने उक्त संघ के नाम से एक पैड छपवाया है. उसमें उनका नाम बतौर प्रदेश अध्यक्ष अंकित है और उनका मोबाइल नंबर भी दिया गया है.


क्या कहती हैं बबीता चौरसिया?


इस पूरे मामले में बबीता चौरसिया ने किसी तरह के संघ बनाने या पत्र लिखे जाने की बात से इनकार किया है. उन्होंने यह भी कहा कि पत्र में उल्लेखित संघ एवं प्रधान कार्यालय के पते को वो जानती भी नहीं हैं. किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके नाम का उपयोग कर उन्हें परेशान करने की नीयत से यह आवेदन दिया है. वो पूरी तरह से निर्दोष हैं.


क्या कहते हैं मधुबनी के डीईओ?


मधुबनी के जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि विभाग न्यूनतम समय में इतनी बड़ी नियुक्ति को पारदर्शी तरीके से संपन्न करते हुए सभी शिक्षकों को विद्यालय आवंटन में जुटा है. ऐसे में इस तरह के कार्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. शिक्षिका के नियुक्ति पत्र को रद्द कर दिया गया है. पूर्व के नियोजन के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है.


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