समस्तीपुर: समस्तीपुर जिले से नाबालिग बच्चों की तस्करी करने के लिए पश्चिम बंगाल पहुंचे तस्करी गिरोह के तीन सदस्यों को कोलकाता में दो-तीन दिन पहले गिरफ्तार करने का मामला प्रकाश में आया है. कोलकाता के मैदान थाना क्षेत्र की पुलिस ने सोमवार की सुबह तीन मानव तस्करों को गिरफ्तार किया है.


21 बच्चों को किया रेस्क्यू


गिरफ्तार किए गए तस्करों में मो. आयशान (22 वर्ष), मो. अफजल (28 वर्ष) और मो. चांद (23 वर्ष) शामिल हैं. इनके पास से 21 बच्चों को भी पुलिस ने रिहा करवाया है, जिनकी उम्र 10 से लेकर 16 साल तक है. पुलिस ने यह कार्रवाई नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता दीप बनर्जी से मिली सूचना के आधार पर की है.


बच्चों से करवाया जाता है यह काम


मिली जानकारी अनुसार कोलकाता पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बिहार में बच्चों की तस्करी से जुड़ा एक गिरोह बस में कुछ बच्चों को लेकर समस्तीपुर जिला से कोलकाता आ रहा है. इसके बाद इन बच्चों को गिरोह के सदस्यों के हवाले कर दिया जायेगा, जहां कुछ बच्चों से सड़कों पर भीख मंगवाया जाता है तो कुछ बच्चों से मजदूरी करवायी जाती है. वहीं कुछ को देह व्यापार तक में धकेल दिया जाता है.


पुछताछ के बाद किया गिरफ्तार


सूचना मिलने के बाद मैदान थाना की पुलिस ने बाबूघाट बस स्टैंड के निकट सोमवार सुबह लगभग साढ़े पांच बजे समस्तीपुर से कोलकाता आई एक बस को रोका, तलाशी लेने पर बस के अंदर से 21 बच्चे मिले. वहीं बस में मौजूद तीनों युवक भी इनके बारे में कुछ भी सही जानकारी नहीं दे सके. इसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया.


पैसों की लालच देकर करते थे तस्करी


सूत्र बताते हैं कि सभी बच्चे समस्तीपुर के दलसिंहसराय के नवादा पंचायत के रहने वाले हैं. वहीं गिरफ्तार तस्कर भी यहीं रहने वाला हैं. जो बंगाल में रहकर बिहार के नाबालिग बच्चों को काम करवाने के बहाने उनके परिजनों को अच्छी राशि मिलने का लोभ देते हुए उनकी तस्करी किया करते थे.


कोलकाता पुलिस ने बिहार पुलिस को दी जानकारी


इस संबंध में कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा ने बताया कि बरामद बच्चों के बारे में बिहार पुलिस से संपर्क कर उन्हें जानकारी दी गयी है. ताकि वह इन बच्चों के घरवालों के बारे में जानकारी जुटा सकें. उन्होंने कहा कि यह जानकारी नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित बचपन बचाओ आंदोलन से मिली थी.


बाल संरक्षण अधिकारी बच्चों को लेकर आएंगे बिहार


फिलहाल अदालत के निर्देश पर सभी बच्चों को होम में रखा गया है. आरोपितों को पुलिस हिरासत में लेकर इस गिरोह के बारे में विस्तृत जानकारी का पता लगाने की कोशिश की जा रही है. इस संबंध में समस्तीपुर के श्रम अधीक्षक द्वितीय अनिल कुमार शर्मा का कहना है कि बंगाल में 21 बच्चों को श्रम से विमुक्त कराए जाने की सूचना मिली है. बाल संरक्षण अधिकारी उन्हें यहां लाएंगे. सभी को पुनर्वास और सरकारी योजना का लाभ दिलाया जाएगा.