सुपौलः कोसी नदी (Kosi River Bihar) के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसको देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है. वहीं, तटबंध के भीतर बसे लोगों को भी अलर्ट किया गया है. पांच सीओ को चुनाव ड्यूटी से हटाकर उन्हें अपने क्षेत्र में निगरानी के लिए निर्देश दिया गया है. एनडीआरएफ (NDRF) की टीम गणपतगंज से सरायगढ़ तक कैंप कर रही है.
दरअसल, लगातार दो दिनों से सीमावर्ती क्षेत्र और नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के बाद जहां सुपौल के निर्मली और बसंतपुर प्रखंड जलमग्न होने की स्थिति में है. जलस्तर 2,69,150 क्यूसेक बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया है वहीं 42 फाटक भी खोल दिए गए हैं. बताया जा रहा है कि यह जलस्तर इस साल का सबसे अधिक है. अक्टूबर माह में 1968 के बाद पहली बार इतना अधिक पानी कोसी नदी में आया है. पांच अक्टूबर 1968 को कोसी नदी का सर्वाधिक डिस्चार्ज 7.88 लाख आया था. 1973 में 13 अक्टूबर को 4.01 लाख क्यूसेक जलस्तर को पार किया था.
रेस्क्यू के लिए नाव की व्यवस्था, एनडीआरएफ अलर्ट
डीएम महेंद्र कुमार ने जिले के पां अंचल के सीओ को चुनाव ड्यूटी से हटाकर तटबंध की देखरेख करने और लोगों तक राहत पहुंचाने का निर्देश दिया है. लगातार बारिश होने और कोसी का डिस्चार्ज बढ़ने की वजह से डीएम गणपतगंज में कैंप कर रहे हैं. एनडीआरएफ की टीम को सरायढ़ में शिफ्ट करा दिया है. वहीं प्रशासन ने तटबंध के भीतर बसे लोगों को अलर्ट कर ऊंचे स्थानों पर चले जाने के लिए कहा है. प्रशासन की नजर अब कोसी के बढ़ते जलस्तर पर है. अगर कोसी का डिस्चार्ज तीन लाख के पार हो जाता है तो प्रशासन की ओर से लोगों का रेस्क्यू शुरू हो जाएगा. इसको लेकर एनडीआरएफ को भी अलर्ट किया गया है. लोगों को रेस्क्यू करने के लिए नाव की भी समुचित व्यवस्था कर दी गई है.
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