सहरसा: बिहार में कोरोना संक्रमण का प्रभाव बढ़ता जा रहा है. कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की परेशानी बढ़ा दी है. इस बीच ऑक्सीजन की मांग से कम सप्लाई की वजह से मरीजों के साथ डॉक्टर भी परेशान हैं. सूबे के कोसी क्षेत्र के तीन जिले सहरसा, सुपौल और मधेपुरा में अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलिंडर सप्लाई करने वाली एजेंसियों के मालिक इन दिनों परेशान हैं.
सप्लाई में कमी की वजह से एजेंसी मालिक परेशान
एजेंसी मालिकों की मानें तो तीनों जिलों को मिलाकर रोजाना 1500 किलो लिक्विड ऑक्सीजन की खपत होती थी. उसकी आपूर्ति भी की जाती थी. लेकिन अब जब जरूरत बढ़ी है, इस वक्त तीन दिनों में केवल 1300 किलो लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई दी गई है. ऐसे में अगर एक साथ मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी तो उन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध करा पाना मुश्किल हो जाएगा.
इस संबंध में लिक्विड ऑक्सीजन के करोबारी सुबोध सिंह ने बताया कि जिले में पहले ऑक्सीजन के 15 सौ सिलिंडर खत्म हो जाते थे. लेकिन अब ऐसी स्थिति है कि एक सौ सिलिंडर भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि दरभंगा, भागलपुर और मुजफ्फरपुर से लिक्विड ऑक्सीजन की खरीददारी की जाती है. वहां से सप्लाई नहीं मिलने की वजह से परेशानी बढ़ी है.
निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने कही ये बात
वहीं, इस संबंध में निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. उस हिसाब से ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो रही है. इस वजह से आने वाले दिनों में खतरे का सामना करना पड़ सकता है. जिला प्रशासन जिस तरह बेड बढ़ा रही है, उस हिसाब से ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
ऑक्सीजन की उपलब्धता के संबंध में सहरसा डीएम ने कहा कि जिले में तीन गैस एजेंसियां हैं, जो निजी और सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई करती हैं. ये तीनों एजेंसियां दरभंगा स्थित प्लांट से ऑक्सीजन गैस रिफील करा कर जिले में वितरण का कार्य करती हैं. थोड़ी समस्या उत्पन्न हुई थी, जिसका निराकरण कर लिया गया है.
उन्होंने बताया कि फैसला लिया गया है कि सभी गैस एजेंसियों को प्राप्त गैस सिलेंडर जिला प्रशासन अपनी देख-रेख और निगरानी में रखेगा ताकि ऑक्सीजन गैस के वितरण और उपलब्धता पर नियंत्रण रखा जा सके. सभी चीजों को मॉनिटर किया जा रहा है, ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी.
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