Lalu Prasad Nomination From Rupauli Seat: रुपौली उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना बनी थी, लेकिन लालू प्रसाद यादव (आरजेडी सुप्रीमो के हमनाम) के नामांकन ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. महागठबंधन से आरजेडी के टिकट पर बीमा भारती, एनडीए की ओर से जेडियू की टिकट पर कलाधर प्रसाद मंडल और लोजपा छोड़कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्व विधायक शंकर सिंह ने नामांकन किया. उपचुनाव में कुल 13 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाएंगे.                                                                         


लोकसभा चुनाव में भी किस्मत अजमाई


चुनाव कोई भी हो धरती पकड़ सिंह चुनाव जरूर लड़ेंगे. चुनाव वार्ड सदस्य का हो या राष्ट्रपति का ‘धरतीपकड़’ नाम से मशहूर काका जोगिंद्र सिंह शरीर में जान रहने तक हर चुनाव में किस्मत आजमाए और हिंदुस्तान में अपनी अलग पहचान बनाई. ठीक वैसा ही नजारा इन दिनों पूर्णिया के  रुपौली उपचुनाव में देखने को मिल रहा है. सारण के मढ़ौरा थानाक्षेत्र के रहने वाले लालू प्रसाद यादव ( राजद सुप्रीमो नहीं) जिन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में सारण संसदीय क्षेत्र से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी किस्मत अजमाई थी.


वायनाड से लड़ना चाहते हैं चुनाव


करारी हार के बावजूद उनका हौसला नहीं टूटा और जैसे ही रुपौली उपचुनाव की उन्हें जानकारी मिली धड़धड़ाते नामांकन के लिए रुपौली पहुंच गए और बतौर निर्दलीय प्रत्याशी अपना नामांकन कर दिया. सारण वाले लालू प्रसाद यादव अपनी भविष्य की योजना पर बताते हैं अगर राहुल गांधी केरल के वायनाड सीट छोड़ते हैं और रीइलेक्शन होता है तो वे वायनाड की जनता से भी आशीर्वाद मांगेंगे.


लालू प्रसाद चुनाव लड़ने को संवैधानिक हक बताते हुए सफलता मिलने तक हर चुनाव को लड़ने की बात कहते हैं. कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में सारण वाले लालू प्रसाद यादव चुनाव के प्रति दीवानगी के लिए  देशभर में चर्चा का विषय होंगे.


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