पटनाः बिहार में जमीन के दाखिल-खारिज में तेजी लाने की विभाग की कोशिश जारी है. राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने व्यवस्था में बदलाव किया है. आपत्ति और गैर आपत्ति वाले मामले का अलग-अलग निपटारा होगा. इसको लेकर विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों व अंचलों को निर्देश दिया है. आइए जानते हैं कि आखिर क्यों की गई है यह व्यवस्था.


सबसे पहले यह जान लें कि अब आपत्ति और गैर आपत्ति वाले मामलों की अलग-अलग सूची बनेगी. क्योंकि इन दोनों मामलों का निपटारा एक साथ करने के कारण पूरी प्रक्रिया कुछ मामलों के कारण रुक जाती है. बताया जाता है कि इन मामलों को तेजी से या समय पर दिखाने के चक्कर में डीसीएलआर से लेकर सीओ तक बिना जांच के ही ज्यादातर मामलों को रद्द कर देते हैं. ऐसे में लोगों को कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. इसलिए ये व्यवस्था की जा रही है.


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इसलिए दिया गया ये निर्देश


दाखिल खारिज को सरल तरीके से कराने के लिए इसे सेवा के अधिकार अधिनियम में लाते हुए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था की गई है. इसके बाद भी 60 फीसद के आसपास मामलों में निर्धारित समय सीमा 35 दिन में दाखिल खारिज के मामलों का निपटारा नहीं हो पाता है. अब निर्देश दिया गया है कि आपत्ति वाले दाखिल खारिज के मामलों का अलग से ही निपटारा किया जाए.


जानकारी के अनुसार, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को समय पर दाखिल खारिज का निपटारा नहीं होने से संबंधित औसतन तीन दर्जन शिकायतें हर महीने मिलती हैं. ऐसे में लोगों की हो रही परेशानियों को भी देखते हुए विभाग की ओर से गैर आपत्ति और आपत्ति वाले मामलों को अलग अलग निपटारे का फैसला लिया गया है. जमीन से संबंधित काम और जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट biharbhumi.bihar.gov.in पर जा सकते हैं.


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