कटिहार: बिहार में जमीन रजिस्ट्री (Land Registry) कराने को लेकर इस साल लागू हुए नए नियम के बाद इसके मामले कम होते दिख रहे हैं. कई जिलों से ऐसी खबरें आईं हैं. निबंधन कार्यालयों में गिने-चुने लोग पहुंच रहे हैं. सरकार के राजस्व पर इसका असर पड़ेगा लेकिन जमीन विवाद (Land Dispute) के मामले अब काफी हद तक घट जाएंगे.
दरअसल, नए नियम के तहत बिहार में अब जमीन केवल वही आदमी बेच सकेगा जिसके नाम पर जमाबंदी है. रजिस्ट्री का अधिकार केवल उसी को होगा. पुश्तैनी जमीन बेचने के लिए जरूरी होगा कि उसका बंटवारा कानून के अनुसार हो जाए और जमाबंदी खुद के नाम से हो जाए. यानी की पुश्तैनी जमीन बेचने के लिए बंटवारे का कागजात पहले तैयार करना होगा. इसका असर भी शुरू हो गया है.
कटिहार में गिने-चुने डीड की हुई रजिस्ट्री
निबंधन कार्यालय बारसोई में गिने-चुने डीड की ही रजिस्ट्री हुई. बुधवार (28 फरवरी) को इस मामले में बारसोई अनुमंडल के अवर निबंधन पदाधिकारी शैलेश कुमार ने कहा कि नए नियम के लागू हो जाने से जमीन की रजिस्ट्री में कमी आई है. लोग जमीन के कागजातों में आवश्यक सुधार करेंगे जिससे उन्हें दूरगामी लाभ मिलेगा. भविष्य में न्यायालय पर लोड भी कम होने की संभावनाएं हैं. वर्तमान में विभाग के राजस्व में कमी आई है, लेकिन धीरे-धीरे समय के साथ यह ठीक हो जाएगा.
वहीं दूसरी ओर नए नियम के लागू होने से भू-माफिया अपना धंधा नहीं कर पाएंगे. अब रजिस्ट्री के वक्त जमीन की बिक्री करने वाले व्यक्ति के नाम से जमाबंदी होने का प्रमाण देना होगा. विक्रेता के नाम पर जमाबंदी नहीं होने की स्थिति में जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पाएगी.
सीधा और आसान शब्दों में समझें नया नियम
बिहार में जमीन रजिस्ट्री को लेकर नया नियम लागू हो गया है. इसको आसान शब्दों में अगर समझा जाए तो यही है कि अंचल कार्यालय में जिस व्यक्ति का रजिस्टर टू में नाम दर्ज रहेगा वही जमीन की बिक्री कर सकेगा. ऐसे में आप जमीन-खरीद बिक्री के पहले कोई गलती न करें.
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