गोपालगंज: बिहार अजीबोगरीब कारनामों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहता है. यहां कभी शराब माफिया तस्करी (Liquor Smuggling) के लिए एक से बढ़कर एक तरकीब निकालते हैं, तो कभी परीक्षा में धांधली को लेकर चौकाने वाले खुलासे होते हैं. वहीं, गोपालगंज के शिक्षक से जमीन माफिया (Land Mafia) बने संतोष महतो ने मांझा थाने के सरकारी स्कूल के पास गंडक नदी के करोड़ों की जमीन को बेच दी, वो खुद सीओ बनकर सरकारी जमीन की बिक्री कराकर जमाबंदी भी कराता था. वहीं, इस मामले के खुलासे के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है.


फर्जीवाड़ा कर 124 लोगों को बेची जमीन


बताया जा रहा है कि जिले के मांझा प्रखंड के लगटू हाता गांव के रहने वाले शिक्षक संतोष महतो ने साल 2016 से लेकर अब तक 124 लोगों को जमीन बेची है. इसमें गौसिया, नेमुइया, मगुरहां, माघी गांव शामिल है. इलाके के प्रभावशाली लोगों से मोटी रकम लेकर एक बिगहा से पांच बिगहा तक का रसीद भी कटवाता था. रसीद कटवाने वाले उन जमीनों पर खेती भी हो रही है. वहीं, सीओ कार्यालय से संबंधित सरकारी दस्तावेज, जमाबंदी के कागजात, रसीद, नक्शा तक शिक्षक के घर से छापेमारी में बरामद किया गया है. अब जांच में सामने आया है कि नदी के जमीन की भी जमाबंदी हटाकर रसीद काटी गयी है. इस मामले में कई अंचल अधिकारी भी जांच के दायरे में आ गये हैं. डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने सीओ मो. शाहिद अख्तर को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है. 


जो दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी- डीएम


बता दें कि छह दिसंबर को डीएम के आदेश पर एसडीओ डॉ. प्रदीप कुमार ने मांझा थानाध्यक्ष विशाल आनंद के साथ शिक्षक संतोष कुमार के आवास पर छापेमारी की, जहां से सीओ कार्यालय संचालित होने का खुलासा हुआ. इसको लेकर शिक्षक के खिलाफ सीओ शाहीद अख्तर के तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इस मामले को लेकर डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि मांझा अंचल में संतोष कुमार का फर्जीवाड़ा मामला सामने आया है. नदी की जमीन बेचने के मामले में जांच हो रही है. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी. जो दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी.


शिक्षक पर कार्रवाई करेगा विभाग


डीइओ राज कुमार शर्मा ने बताया कि संतोष महतो पंचायत से नियोजित शिक्षक हैं. उस पर कार्रवाई करने का अधिकार पंचायत नियोजन इकाई को है. डीपीओ स्थापना को निर्देश दिया गया है कि वे इसका मॉनीटरिंग करे. वहीं, इस मामले की जांच के लिए गठित टीम को आशंका थी कि सीओ शाहीद अख्तर के रहते जांच प्रभावित हो सकती है. इसे देखते हुए डीएम ने तत्काल प्रभाव से सीओ को हथुआ एसडीओ कार्यालय में अटैच कर दिया है. 


अब तक तीन सीओ पर हो चुकी है कार्रवाई


बता दें कि गोपालगंज में भ्रष्टाचार के मामले में सीओ पर ये पहली कार्रवाई नहीं है. इसके पहले कुचायकोट के सीओ उज्ज्वल कुमार और बरौली अंचल के सीओ कृष्णकांत चौबे पर कार्रवाई हो चुकी है. अब तीसरे सीओ मांझा अंचल के शाहिद अख्तर हैं, जिन पर जांच चल रही है. लगातार हो रही कार्रवाई से हड़कंप मच गया है.