Bihar Land Survey: कर दी ये गलती तो हाथ से चली जाएगी जमीन, सीधे विभाग से जानें भूमि सर्वे से जुड़ी एक-एक जानकारी
Bihar Land Survey News: सर्वे के माध्यम से रैयत के नाम पर खतियान में नाम दर्ज किया जाएगा. सर्वे के फायदे को बताते हुए विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि इससे सारे रिकॉर्ड अप टू डेट हो जाएंगे.
Bihar Land Survey: बिहार में आज (मंगलवार) से भूमि सर्वे की शुरुआत हो गई है. इस सर्वे को लेकर एबीपी न्यूज़ ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह से मंगलवार (20 अगस्त) को बातचीत की. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Revenue and Land Reforms Department) के सचिव जय सिंह ने कई अहम जानकारियां दीं. बताया कि सर्वे के माध्यम से रैयत के नाम पर खतियान में नाम दर्ज किया जाएगा. गैरमजरूआ मालिक और गैरमजरूआ आम ये सभी जमीनें सरकारी हैं. इन जमीनों में से ही अलग-अलग योजनाओं के तहत आम लोगों को जमीन सेटलमेंट के तौर पर दी गई है.
जो जमीन सरकार ने दी उसका होना चाहिए दस्तावेज
जय सिंह ने कहा कि उक्त जमीनों पर अगर सरकार ने किसी को घर बनाने के लिए जगह दी है तो यह जमीन उनकी ही रहेगी. हालांकि सरकार की ओर से दिए गए कागजात का होना जरूरी है. अगर कागजात नहीं है तो सर्वे के तहत आपके नाम को खतियान में दर्ज नहीं किया जाएगा. सर्वे के फायदे को बताते हुए जय सिंह ने कहा कि इससे सारे रिकॉर्ड अप टू डेट हो जाएंगे. खतियान के बाद हर किसी के पास जमीन की जमाबंदी होती है जो दाखिल-खारिज के बाद किया जाता है, लेकिन अधिकतर लोगों के पास जमीन का नक्शा नहीं होता है. इस सर्वे के बाद नया खतियान तैयार हो जाएगा.
कागजात में हैं त्रुटियां तो तीन बार की जा सकती है अपील
जय सिंह ने कहा कि नए नक्शे बन जाएंगे. सभी जमीन से जुड़ी जानकारियां डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ जाएंगी. इसके बाद कोई और सर्वे की जरूरत नहीं पड़ेगी. डिजिटल अपडेट होने के बाद समय-समय पर मैप को अपडेट किया जाएगा. जमाबंदी को भी अपडेट किया जाता रहेगा. सर्वे के दौरान अगर जमीन के मालिकों के कागजात में कुछ त्रुटियां रहती हैं उसको लेकर सर्वे के दौरान ही तीन बार अपील की जा सकती है. अगर आप इस सर्विस से संतुष्ट नहीं होते हैं तो न्याय प्रक्रिया के तहत भी अपील कोर्ट में कर सकते हैं.
पर्याप्त दस्तावेज से ही खतियान में दर्ज होगा नाम
उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति बिहार से बाहर हैं या फिर देश से बाहर हैं वह डिजिटल माध्यम से ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं. लंबे वक्त से कब्ज में जिनके पास जमीन है उन्हें प्रमाण के तौर पर जमीन के कागजात देने होंगे. अगर दस्तावेज पर्याप्त होंगे तभी उनके नाम से खतियान में नाम दर्ज किया जाएगा. अगर किसी ने गलत तरीके से कब्जा किया है कागजात नहीं है तो खतियान पर नाम चढ़ाना संभव नहीं होगा. अगर मलिक के पास सिर्फ रजिस्ट्री के कागजात हैं तो मालिक को यह स्थापित करना होगा कि जिनसे जमीन खरीदी गई है उनके पूर्वजों के नाम खतियान में दर्ज हो और आपने जिससे जमीन ली वह उनके पूर्वज के असली वारिस हैं.
जय सिंह ने कहा कि अभी बहुत वक्त है. यह सर्वे एक साल तक चलेगा. जिन लोगों के पास म्यूटेशन नहीं है वह दाखिल खारिज करवा कर पेपर अप टू डेट कर सकते हैं. 1911 के खतियान के आधार पर भले ही मालिक बदल गए हों लेकिन जिन लोगों ने जमीन खरीदी है उन्हें यह स्थापित करना होगा कि खतियान पर दर्ज नाम से संबंधित लोगों द्वारा ही जमीन खरीदी गई है.