Devotees Offered Prayers To Rising Sun: बिहार की राजधानी पटना में छठ पूजा के अंतिम दिन शुक्रवार ( 08 नवंबर) को श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया. लाखों की संख्या में छठ व्रती, दीघा घाट, गंगा घाट और कंगना घाट समेत अन्य घाटों पर पहुंचे थे. पटना के अलावा गया, मुजफ्फरपुर, वैशाली, आरा, भागलपुर, बक्सर में भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने नदियों और तालाबों पर जाकर सूर्य की उपासना की. इसे साथ ही चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा संपन्न हो गया.
व्रतियों ने 36 घंटे के निर्जला व्रत का किया कमापन
छठ पूजा के चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ व्रतियों ने अपने 36 घंटे के निर्जला व्रत का पारण करके समापन किया. सभी के बीच ठेकुआ प्रसाद का वितरण किया गया. मान्यता है कि उगते सूर्य को अर्घ्य देने से आरोग्य, सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है. लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ था.
पहले दिन व्रतियों ने गंगा स्नान कर सूर्यदेव को जल अर्पित किया. इसके बाद अरवा चावल, चने की दाल, कद्दू की सब्जी का भोग लगाकर प्रसाद तैयार किया. दूसरे दिन बुधवार को लोहंडा खरना के दिन व्रतियों ने पूरे दिन उपवास कर शाम में भगवान का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण किया. इसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हुआ. गुरुवार 07 नवंबर को डूबते सूर्य को व्रतियों ने पहला अर्घ्य दिया. उसके बाद आज शुक्रवार को व्रतियों ने उदीयमान सूर्य को नदी, और तालाबों में बने घाटों पर जाकर अर्घ्य दिया.
पूरे बिहार में छठ पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न
पटना में छठ के लिए 100 से ज्यादा घाट तैयार किए गए थे, राजधानी के 102 गंगा घाटों, 63 तालाबों और 45 पार्कों में महापर्व मनाया गया. पटना में छठ महापर्व के लिए गंगा घाटों पर सुरक्षा के खास इंतजाम थे. पटना में 20 अफसरों की तैनाती की गई था. इसके अलावा बिहार विशेष सुरक्षा पुलिस बल की 35 कंपनियां और सीआरपीएफ की तीन कंपनियां भी सभी प्रमुख जगहों पर तैनात की गई थी. कुछ जिलों में हुए छिटपुट हादसों को छोड़ कर पूरे बिहार में छठ पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गई.
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