पटना: बिहार विधानसभा में मंगलवार को जो हुआ उसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी. पुलिस बल ने जिस सख्ती से विरोध प्रदर्शन कर रहे विपक्ष के विधायकों को मारपीट कर बाहर निकाला, वो तस्वीर चौंकाने वाली थी. इस घटना के बाद से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार विधायकों के साथ मारपीट और बदसलूकी करने वाले पुलिस जवानों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. वहीं, इस मुद्दे पर कल उन्होंने बिहार बंद का भी एलान किया है.
इधर, इस पूरे मामले में बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बिहार पुलिस के डीआईजी एसके सिंघल और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद से रिपोर्ट सौंपने को कहा है. बिहार विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष ने गृह विभाग अपर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से फोन पर बात कर मंगलवार को बिहार विधान परिसर में सदस्यों के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा हुए दुर्व्यवहार के मामले को अपने स्तर से संज्ञान लेते हुए दोषी पुलिस कर्मियों को चिन्हित कर रिर्पोट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है, ताकि उनपर कार्रवाई की जा सके.
साथ ही उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा का ख्याल रखने की जवाबदेही सभी की है. लक्ष्मण रेखा पार करने की छूट किसी को भी नहीं दी जा सकती है. साथ ही उन्होंने उस दिन सदस्यों द्वारा किए गए व्यवहार की समीक्षा और कार्रवाई के लिए उस दिन का वीडियो फुटेज बिहार विधन सभा की आचार समिति को सौंपने का निर्णय लिया.
बता दें कि आज बिहार पुलिस के डीआईजी एसके सिंघल और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बिल को लेकर जारी विवाद के बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. पीसी के दौरान बिहार विधानसभा में हुई पुलिसिया कार्रवाई पर अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पुलिस बुलाई गई थी. विधानसभा अध्यक्ष द्वारा यदि किसी पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की जाती है, तो जरूर की जाएगी.
विधानसभा अध्यक्ष के कहने पर होगी कार्रवाई
गृह सचिव और डीजीपी ने कहा कि मार्शल की तैनाती होने के बाद पुलिस के अंदर जाने की वजह स्पीकर का निर्देश था. स्पीकर के निर्देश और उनके सहयोग के लिए पुलिस अंदर गयी. अध्यक्ष महोदय के आदेश पर जो कार्रवाई करनी थी, वो की गयी. हालांकि, बदसलूकी की बात नहीं मानते हुए उन्होंने कहा कि अगर आगे सरकार जांच के आदेश देती है, तो वो भी तब जब स्पीकर का आदेश नहीं होगा, तब तक नहीं किया जाएगा.