पटना: बिहार विधानसभा में बजट सत्र के 14वें दिन की कार्यवाही हंगामेदार तारीके से शुरू हुई. विपक्ष ने शराब बरामदगी मामले में सीएम नीतीश से मंत्री रामसूरत राय को बर्खास्त करने मांगने की मांग की. हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के समझाने के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई. इसी दौरान अल्पसूचित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए उपमुख्यमंत्री रेणु देवी खड़ी हुईं.
उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के जवाब देने के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बीच में खड़े हुए और अपनी बात रखनी चाही, जिसपर विधानसभा अध्यक्ष ने भी सहमति जताई और रेणु देवी से बैठने की अपील की. लेकिन विजय कुमार सिन्हा की बातों को नकारते हुए उन्होंने बोलना जारी रखा. इसपर तेजस्वी नाराज हो गए और नीतीश कैबिनेट के मंत्रियों पर आसन के अपमान का आरोप लगाया.
इस बात का मुद्दा बना कर विपक्ष ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया. कुछ विधायक आसन से उतर कर वेल में आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अगर सत्तादल के नेता आसन का सम्मान नहीं करेंगे और उन्हें निर्देशित करेंगे तो हमारा सदन में रहने का क्या मतलब है?
इधर, हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने पहले विपक्ष के नेताओं को शांत कराया. इसके बाद उपमुख्यमंत्री रेणु देवी को नसीहत देते हुए कहा कि नियमों का पालन किया करें. जब आसन कोई बात कहे तो उसे मानें. वहीं, उन्होंने तेजस्वी को कहा कि आसन को निर्देशित करने का अधिकार किसी के पास नहीं है. सदन के भीतर आसन सबसे महत्वपूर्ण है.
मालूम हो कि ये कोई पहली बार नहीं है, जब विजय कुमार सिन्हा ने सदन के सदस्यों को नसीहत दी हो. इससे पहले बुधवार को उन्होंने विपक्ष के नेताओं को फटकार लगाई थी. उन्होंने कहा था कि समय बदल गया है, नियमों का पालन करें, नहीं तो कार्रवाई करते हुए बाहर निकाल दूंगा.