Bihar Budget Session: 'फिर झमेला करवाइयेगा क्या', सदन में 'तापमान' बढ़ते ही स्पीकर ने कही ये बात, जानें पूरा मामला
मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि विभाग ने जो आंकड़े पेश किए हैं, वो बिल्कुल सही हैं. ऑडिट का काम साल 2002 से ही पेंडिंग हैं. ऐसे में मौजूदा समय तक ऑडिट का काम जारी है. जुलाई तक काम पूरा होने की उम्मीद है.
पटना: बिहार विधानसभा (Bihar Legislative Assembly) का बजट सत्र चल रहा है. विपक्ष के नेता सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के मंत्री से विभिन्न विभागों से जुड़े प्रश्न पूछ रहे हैं. इसी क्रम में गुरुवार को सदन में प्रश्नकाल के दौरान आरजेडी (RJD) विधायक भाई वीरेंद्र (Bhai Virendra) ने खाद्य आपूर्ति विभाग की मंत्री लेसी सिंह (Lesi Singh) से केंद्र से सब्सिडी प्राप्त करने के मामले में सवाल पूछा था. उन्होंने विभाग और लेखाकार के आंकड़ों में पाए गए अंतर को बताते हुए कहा कि मंत्री द्वारा पेश किए गए आंकड़े भ्रामक हैं. ऐसे में सच्चाई क्या है, मंत्री सदन में मौजूद सदस्य को उससे अवगत कराएं.
मंत्री ने विपक्ष को दिया ये जवाब
आरजेडी विधायक की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मंत्री लेसी सिंह भी हमलावर दिखीं. उन्होंने कहा कि विभाग ने जो आंकड़े पेश किए हैं, वो बिल्कुल सही हैं. विभाग के ऑडिट का काम साल 2002 से ही पेंडिंग हैं. ऐसे में मौजूदा समय तक ऑडिट का काम जारी है. जुलाई तक काम पूरा होने की उम्मीद है. ऐसे में तब सारे आंकड़े पेश कर दिए जाएंगे. हालांकि, इस जवाब से भाई वीरेंद्र संतुष्ट नहीं हुए और फिर से सवाल उठाने लगे.
आरजेडी विधायक ने कहा कि ये कड़ी मेहनत से कामई गई जनता की गाढ़ी कमाई से जुड़ा हुआ प्रश्न है. ऐसे में मंत्री बताएं कि विभाग में इस काम को सही ढंग से नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? इस पर मंत्री ने कहा कि पहले स्थिति क्या है वो दिखवा लेते हैं, फिर कार्रवाई करेंगे. इस पर भाई वीरेंद्र अड़ते दिखे और स्पष्ट बातें कहने को कहा.
स्पीकर की बात पर लगे ठहाके
इस बात पर उन्होंने स्पीकर को भी कहने को कहा. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने हंसते हुए कहा, "फिर झमेला करवाइयेगा क्या", जिस पर अन्य विधायक ठहाके लगाने लगे. हालांकि, बाद में उन्होंने मंत्री लेसी सिंह से कहा कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें. ऐसे अधिकारियों को किसी कीमत पर बख्शा न जाए.
दरअसल, उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने के कारण बिहार को केंद्र से 212 करोड़ से अधिक सब्सिडी प्राप्त नहीं हुई. इस संबंध में जब विपक्ष ने सवाल किया तो मंत्री ने कहा, " हम लोगों ने 2014 तक का ऑडिट करा दिया है और जुलाई तक 2021 तक का ऑडिट हो जाएगा. अंकेक्षण नहीं होने के कारण भारत सरकार से राशि नहीं मिली है. जल्द ही सभी का अंकेक्षण करा कर भारत सरकार से राशि विमुक्त करा ली जाएगी."
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