पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव (Sharad Yadav) की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (LJP) का आरजेडी (RJD) में विलय हो सकता है. चर्चा है कि होली के बाद 20 मार्च को शरद की पार्टी का विलय हो सकता है. लेकिन ये तिथि आगे भी बढ़ सकती है. वैसे ये लगभग तय माना जा रहा है कि उनकी पार्टी का आरजेडी में विलय होगा. दरअसल, लंबे समय से बीमार चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री व एलजेडी चीफ शरद यादव का स्वास्थ्य धीरे-धीरे ठीक हो रहा है.
राज्यसभा की पांच सीटें हो रही हैं खाली
ऐसे में वो जल्द सक्रिय राजनीति में लौट सकते हैं. एलजेडी का आरजेडी में विलय होने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव उनको राज्यसभा भेज सकते हैं. इस साल जुलाई में बिहार में राज्यसभा की पांच सीटें खाली हो रही हैं. दो सीटें बीजेपी, एक सीट जदयू के पास जाएगी. जबकि दो सीटें आरजेडी के पास आएगी. आरजेडी शरद यादव को राज्यसभा भेज सकती है. उनकी बेटी सुभाषिनी यादव जो 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव कांग्रेस से चुनाव लड़ी थीं, उनको आरजेडी संगठन में जिम्मेदारी दी जा सकती है. 2019 का लोकसभा चुनाव शरद यादव आरजेडी की टिकट पर मधेपुरा से लड़े थे, लेकिन हार गए थे.
जेडीयू ने समाप्त कर दी थी सदस्यता
दरअसल, शरद यादव के राज्यसभा का कार्यकाल जुलाई 2022 में समाप्त हो रहा है. मालूम हो कि 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन से जब एनडीए में आए थे तो शरद यादव ने उनका साथ देने से मना कर दिया था. इसके बाद जेडीयू की तरफ से उनकी राज्यसभा सदस्यता समाप्त करा दी गई थी.
पारस को आवंटित कर दिया गया बंगला
ऐसे में शरद यादव ने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी. तब शरद यादव को कहा गया था कि जब तक मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक वह सरकारी बंगले में रह सकते हैं. मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है. लेकिन जल्द शरद यादव का कार्यकाल समाप्त होने वाला है. दिल्ली के 7 तुगलक रोड पर स्थित सरकारी बंगले को उनको खाली करना होगा. यह बंगला केंद्रीय मंत्री एवं RLJP प्रमुख पशुपति पारस (Pashupati Paras) को आवंटित हो चुका है.
ध्यान देने वाली बात है कि कुछ समय पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) प्रमुख जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने दिल्ली में शरद यादव से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की थी व हालचाल जाना था. उस दौरान मांझी ने मीडिया से कहा था कि शरद लंबे समय से बीमार हैं. इलाज में उनके काफी रुपये खर्च हो चुके हैं. दिल्ली में रहने के लिये उनके पास कोई दूसरा घर भी नहीं है. अब उनको सरकारी घर खाली करना होगा.
मांझी ने कही थी ये बात
मांझी ने कहा था, " मैं लालू यादव एवं नीतीश कुमार से आग्रह करूंगा की शरद के सरकारी बंगला को बचाएं. उनको राज्यसभा भेजें. वे सक्रिय राजनीति में लौटेंगे तो उनकी तबियत भी ठीक हो जाएगी. सूत्रों के अनुसार मांझी की आरजेडी और जेडीयू से बात हुई थी." वहीं, तेजस्वी यादव ने मार्च महीने में दिल्ली में शरद यादव से दिल्ली में मुलाकात की है. वे उनका हालचाल जानने गए थे. लेकिन सूत्रों की मानें को आरजेडी की तरफ से शरद यादव को कह दिया गया है कि उनको पार्टी राज्यसभा इस साल जुलाई में भेजेगी. लालू अपने पुराने मित्र शरद की मदद करने जा रहे हैं.
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