पटनाः लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) दो गुटों में बंट चुकी है. इसके अनुसार अब सांसद पशुपति पारस अपने रास्ते पर चल रहे हैं तो दूसरी ओर सांसद चिराग पासवान ने अलग रास्ता बना लिया है. इधर, शनिवार को सांसद पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में एलजेपी की राष्ट्रीय, राज्य कार्यकारिणी और विभिन्न प्रकोष्ठों की समितियों को भंग कर दिया गया है.


सांसद चौधरी महबूब अली कैसर और वीणा देवी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोषित किया गया है जबकि प्रिंस राज और चंदन सिंह को राष्ट्रीय महासचिव घोषित किया गया है. एलजेपी में दो गुट होने के बाद शनिवार को यह किया गया है. चार सांसदों को यह पद मिलने के बाद एक बार फिर से सियासत शुरू हो गई है.






बता दें कि पशुपति पारस ने चिराग पासवान से खुद को चार सांसदों के साथ मिलकर अपना गुट बना लिया है. इसके बाद पशुपति पारस को उनके गुट ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया. पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए बैठक बुलाई गई थी.


पार्टी तोड़ी नहीं बल्कि पार्टी को बचाई है


अध्यक्ष पद मिलने के बाद सांसद पशुपति पारस ने कहा था कि उन्होंने ऐसा करके पार्टी (एलजेपी) तोड़ी नहीं, बल्कि बचाई है. कहा बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में मिली हार के बाद पार्टी का अस्तित्व धीरे-धीरे खत्म हो रहा था. ऐसे में रामविलास पासवान की पार्टी और उनके सोच को बचाने के लिए ये फैसला लिया गया है.


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