LJPR Chief Chirag Paswan: एलजेपीआर प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को पुरानी लोक जनशक्ति पार्टी का कार्यालय मिल गया है. इसके बाद अब सवाल ये उठ रहा है कि रामविलास पासवान की पुरानी ऑफिस ही मिलना, एक इत्तेफाक है या प्लान के तहत उन्हें ये कार्यालय दिया गया है. इस पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने शनिवार को खुलासा करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से एक अहम संयोग है.


प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने क्या कहा?


उन्होंने कहा कि मीडिया में कई तरह की चर्चा आ रही है, लेकिन यह स्पष्ट है कि हमने बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग से अपनी पार्टी के कार्यालय के लिए जगह मांगी थी. यह संयोग है कि जिस कार्यालय में हमारे नेता का राजनीति जीवन बीता, वही कार्यालय हमें दिया गया है. हमने अपने पत्र में कोई भी ऐसी मांग नहीं की थी, इसको महज एक संयोग माना जा सकता है.  


उन्होंने बताया कि 28 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में होने वाली 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' महारैली का टाइम बदल दिया गया है, क्योंकि अभी बिहार में पैक्स अध्यक्ष चुनाव है. साथ ही कई जगहों पर चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में रैली अभी संभव नहीं थी. इसलिए अभी उसे स्थगित कर दिया गया है. अगली तिथि पर पार्टी के साथ बैठक करके निर्णय लिया जाएगा और संभवत फरवरी या मार्च में एक बड़ी रैली गांधी मैदान में की जाएगी.


चिराग पासवान ने किया दफ्तर का निरीक्षण 


बता दें कि बीते शुक्रवार को ही केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को अपने पिता और चाचा का पुराना दफ्तर मिल गया है. भवन निर्माण विभाग के जरिए भतीजे चिराग पासवान को चाचा पशुपति पारस से लेकर यह दफ्तर दिया गया है, जो कुछ दिन पहले तक राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का दफ्तर हुआ करता था. शुक्रवार को चिराग पासवान अपने पिता के इस पुराने दफ्तर का निरीक्षण करने पहुंचे थे. उन्होंने नारियल फोड़कर अपने नए दफ्तर में प्रवेश किया. इस दौरान लोजपा के कई कार्यकर्ता भी वहां मौजूद थे. 


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