(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बिहार के इस जिले में लग्जरी कार नहीं नाव पर निकली बारात, जैसै-तैसे दुल्हन के घर पहुंचे बराती
Madhubani Flood: बाढ़ के कारण मधुबनी में एक बारात नाव पर निकालनी पड़ी. किसी तरह लड़के वाले दुल्हन के घर पहुंचे और निकाह के बाद दुल्हन को नाव पर ही लेकर वापस आए.
Wedding Procession On Boat: बिहार के मधुबनी जिले में कोसी नदी में आई बाढ़ के कारण लग्जरी गाड़ियों की जगह शादी के लिए जा रहे दूल्हे को चिलचिलाती धूप में नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. ताजा वाक्या मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड का है, जहां मोहम्मद कमालउद्दीन के बेटे को नाव पर चढ़ कर सहरसा के डरहार ओपी थाना क्षेत्र के बड़हरा गांव बारात लेकर जाना पड़ा. यहां के निवासी मोहम्मद बशीर की बेटी से कमालउद्दीन के बेटे का निकाह हुआ.
क्यों लेना पड़ा बाराती को नाव का सहारा?
दरअसल मधेपुर प्रखंड में बारिश के बाद इन दिनों कोसी नदी अपने उफान पर है. जिस कारण बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. इस बीच मधेपुर प्रखंड के परबलपुर गांव निवासी मो. एहसान की शादी की बारात सोमवार को दुल्हन के घर जाने के लिए नाव से रवाना हुई. नाव पर दूल्हा सहित करीब 60-65 बाराती सवार थे, सभी को काफी परेशानी हो रही थी. बरातियों ने कहा कि ये शादी उन लोगों के लिए यादगार ही बन गई.
सिर पर सेहरा सजाए दूल्हे मो. एहसान के पिता मो. कमालउद्दीन जहां अपने बेटे की शादी को लेकर खुश थे, वहीं उनके चेहरे पर बाढ़ के कारण हो रही परेशानी साफ साफ नजर आ रही थी. मो. कमालउद्दीन ने बताया कि बेटे की शादी की तिथि एक महीने पहले निर्धारित कर ली गई थी. इस बीच कोसी नदी में बारिश के कारण भीषण बाढ़ जैसी नौबत आ गई है, जिस कारण बारात जाने के लिए निजी नाव भाड़े पर ली गई.
कहां से कहां और कैसे निकली बारात?
मो. कमालउद्दीन ने बताया कि सहरसा जिले के डरहार ओपी थाना क्षेत्र के बड़हरा गांव निवासी मो. बशीर की पुत्री के साथ निकाह है, जहां बारात जा रही है. सिर पर सेहरा सजाए दूल्हा और बारात सजे-धजे वाहनों पर सवार होकर परबलपुर से चलकर कोसी तटबंध के बलथी चौक तक पहुंचे. बलथी चौक के निकट दुल्हा समेत सभी बाराती नाव पर सवार हुए.
उसके बाद नाव से लगभग 10 किलोमीटर दूरी तय कर बारात बड़हरा गांव को गई. दूल्हे के पिता ने बताया कि दुल्हन को भी नाव से ही ससुराल परबलपुर गांव लाया जाएगा. आपको बता दें कि कोसी नदी के तट पर बसे कई गांव के नसीब में ऐसा ही जीवन हो गया है. अब देखना ये है कि विकास के इस दौड़ में इनकी तकदीर कब बदलती है.