पटना: बिहार की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर जारी विवाद के बीच शनिवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का बड़ा बयान सामने आया है. सूबे में बढ़ते आपराधिक घटनाओं को देखते हुए जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश को नसीहत दी है कि अब वे आग्रह ना करें बल्कि अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.
मांझी ने ट्वीट कर कही ये बात
जीतन राम मांझी ने शनिवार को अपने एक आधिकारिक ट्वीट में लिखा कि सुन्दरकाण्ड में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने कहा है, " विनय न मानत जलधि जड़, गये तीन दिन बीत, बोले राम सकोप तब, बिन भय होय न प्रीत." नीतीश कुमार जी बिहार के अपराधिक वारदातों को ध्यान में रखकर अब इन पंक्तियों को चरितार्थ करने की आवश्यकता है.
क्या है मांझी की ट्वीट के मतलब?
बता दें कि इन पंक्तियों के इस्तेमाल रामायण के सुंदर कांड में उस वक़्त इस्तेमाल किया गया है, जब प्रभु राम मां सीता को लेने लंका जा रहे थे और समुद्र से रास्ता मांग रहे थे. तीन दिनों तक लगातार आग्रह करने के बाद भी जब समुद्र ने रास्ता नहीं दिया था तो क्रोधित होकर प्रभु राम ने लक्ष्मण से अग्नि बाण उठाने की बात कही थी. प्रभु श्री राम ने लक्ष्मण से कहा था कि मूर्ख व्यक्ति आग्रह की भाषा नहीं समझता उन्हें डरा कर ही काम कराया जा सकता है.
ऐसे में सूबे की बिगड़ती कानून व्यवस्था को देखते हुए रामायण की चौपाई लिखकर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी सीएम नीतीश से आग्रह छोड़ कर कार्रवाई करने की अपील की है. मांझी की ट्वीट के स्पष्ट अर्थ है कि बहुत दिनों तक आग्रह किया जा चुका है. अब अपराधियों के मन से खौफ पैदा करने की जरूरत है.
आपराधिक घटनाओं में हो रही लगातार वृद्धि
गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों में बिहार में आपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है. क्राइम कंट्रोल को लेकर सीएम नीतीश लगातार बैठक कर रहे हैं. इसके बावजूद पुलिस कुछ सफलता हासिल करती नहीं दिख रही. वहीं, मंगलवार को बिहार में राजधानी पटना में हुए इंडिगो मैनेजर की हत्या ने सूबे की प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है.
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