बिहार: मधुबनी सदर अस्पताल से ब्लैक फंगस की दवाइयां गायब, CS ने जांच कमिटी का किया गठन
इस मामले की जांच के लिए सिविल सर्जन ने प्रभारी सिविल सर्जन सह एसीएमओ, प्रभारी अधीक्षक डॉ. डीएस मिश्रा सहित 4 लोगों की एक कमिटी बना दी. कमिटी ने स्टोर से संबंधित 3 लोगों से पूछताछ की है और लिखित जवाब भी मांगा है.
मधुबनी: बिहार के मधुबनी जिले में सदर अस्पताल से ब्लैक फंगस के इलाज के लिए चिन्हित इंजेक्शन एमफोटेरिसिन-बी की 20 वाइल गायब हो गईं हैं. गुरुवार को इस दवा के 20 वायल के अस्पताल के स्टोर रूम से गायब होने का मामला सामने आया है. सुई के गायब होने की बात सामने आने के बाद हड़कंप मच गया.
इस संबंध में ए ग्रेड नर्स चंद्रकला ने बताया कि यह दवा इमरजेंसी के बगल वाले स्टोर के आईएलआर (डीपफ्रीजर) में रखी गई थी, जहां से दो पैकेट सुई गायब हो गई है. उन्होंने बताया कि अप्रैल में सिर्फ दो लोगों को सुई देकर स्टॉक में 95 वायल सुई शेष की रिपोर्ट भी भेजी गई. जबकि जून में स्टॉक मिलाने के क्रम में 95 में से सिर्फ 75 वायल सुई ही उपलब्ध थी.
ब्लैक फंगस के मरीजों को दी जा रही है दवा
बात दें कि कालाजार में इस्तेमाल होने वाली ये दवा फिलहाल ब्लैक फंगस के मरीजों को दी जा रही है. ऐसे में गायब सुई की लिखित शिकायत चंद्रकला ने प्रभारी अधीक्षक डॉ. डीएस मिश्रा को आवेदन के जरिए की है. डॉ. मिश्रा ने इस बाबत एबीपी न्यूज को बताया कि दो दिन पहले स्टोर से 20 वायल दवाई गायब होने की जानकारी मिली. ये बहुत ही गंभीर मामला है.
इस मामले की जांच के लिए सिविल सर्जन ने प्रभारी सिविल सर्जन सह एसीएमओ, प्रभारी अधीक्षक डॉ. डी.एस.मिश्रा सहित 4 लोगों की एक कमिटी बना दी. कमिटी ने स्टोर से संबंधित 3 लोगों से पूछताछ की है और लिखित जवाब भी मांगा है. अब तक जवाब नहीं आया है, जवाब आने पर रिपोर्ट सौंपी जाएगी, जिसके बाद जो भी व्यक्ति दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी.
बता दें कि गायब ब्लैक के इंजेक्शन की कीमत 50 हजार से एक लाख रुपये तक बताई जा रही है. कोरोना काल में निजी अस्पताल, नर्सिंग होम और बाजार में इस दवा की डिमांड बहुत अधिक है.
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