सुपौल: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अगले छह महीने में छह करोड़ वैक्सीन लगाने का टारगेट तय किया है. कोरोना से बचाव को लेकर सरकार ने ये फैसला लिया है. राज्य में युद्धस्तर पर वैक्सीनेशन का काम चलाने का निर्देश दिया गया है. लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही की वजह से इस काम में ब्रेक लग रहा है. ताजा मामला बिहार के सुपौल जिले का है, जहां उद्घाटन के महज 24 घंटे बाद ही सरकार द्वारा संचालित मेगा वैक्सीनेशन सेंटर की बदहाली की तस्वीर सामने आई है.


समय से पहले ही भागे स्वास्थ्यकर्मी


सुपौल सदर अस्पताल के मुख्य द्वार पर बने पब्लिक लाइब्रेरी में संचालित मेगा वैक्सीनेशन सेंटर में उद्घाटन के 24 घंटे के बाद ही स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही सामने आ गई. रात के 7:30 बजे के बाद ही सेंटर में मौजूद सभी कर्मी वैक्सीन लगाने के बजाय नदारद दिखे. वैक्सीनेशन कैंप को गार्ड और पब्लिक लाइब्रेरी के इंचार्ज के भरोसे छोड़कर सभी कर्मी फरार दिखे.


गौरतलब है कि सदर अस्पताल के मुख्य द्वार पर बने इस मेगा वैक्सीनेशन कैंप का सोमवार मुख्यमंत्री द्वारा पूरे राज्य में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया गया था, ताकि आम नागरिकों को सुबह के 9:00 बजे से रात के 9:00 बजे तक कोविड वेक्सीन दिया जा सके. लेकिन सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में कर्मियों की इतनी बड़ी लापरवाही सवाल खड़े करती है.


बता दें कि सदर अस्पताल के मुख्य द्वार पर ही वेक्सीनेशन कैम्प है. जहां स्वास्थ्य विभाग के सीएस और डीएस जैसे वरीय अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है. अधिकारी मौजूद भी रहते हैं. 


वेक्सीनेशन सेंटर पर सिर्फ गार्ड थे मौजूद


वेक्सीनेशन सेंटर पर मौजूद गार्ड ने बताया कि कोरोना का वेक्सीन खत्म हो गई थी, इसलिए सभी स्टाफ सवेरे ही चले गए. वहीं, लाइब्रेरी के इंचार्ज ने बताया कि सोमवार को ही डीएम द्वारा फीता काटकर उद्घाटन किया गया. सोमवार को तो 9 बजे तक सभी थे लेकिन मंगलवार को सभी जल्दी चले गए. क्यूं गए इसकी जानकारी उन्हें नहीं है.


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