पटना: सियासी घमासान के बीच बिहार के नए शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने कल मंत्री पद संभालने के चंद घंटों बाद ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इस संबंध में शुक्रवार को उन्होंने मीडिया से बात की और कहा कि नीतीश कुमार के सच्चे सिपाही होने के नाते उनके छवि पर कोई आंच न आए इसी को लेकर मैंने स्वतः अपने इस्तीफे की पेशकश की है.
मेवालाल चौधरी ने कहा, " मैंने नीतीश कुमार को कहा है कि जबतक मैं खुद को पाक साफ साबित नहीं कर देता, तब तक मैं आपके छवि पर कोई आंच नहीं आने दूंगा."
मालूम हो कि सोमवार को शपथ ग्रहण करने के बाद मेवालाल ने कल गुरुवार को पहले मंत्री पद ग्रहण की और फिर मीडिया से बातचीत में खुद पर लगे आरोपों पर सफाई दी. इसके बाद वो सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने गए और उनसे मुलाकात के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
दरसअल, तारापुर विधायक मेवालाल चौधरी जिन्हें शिक्षा विभाग की जिममेदारी सौंपी गई थी, वो कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में नियुक्ति घोटाले में आरोपित हैं. उन्हें कैबिनेट में जगह देकर नीतीश कुमार फंस गए थे. एक दागी नेता को मंत्री बनाए जाने पर विपक्ष लगातार सीएम नीतीश के जीरो टॉलरेंस पर सवाल खड़े कर रही थी. वहीं, नियुक्ति घोटाला मामले में आरोपित मेवलाल को बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे.
बता दें कि मेवालाल चौधरी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं. 2010 में जब उनको जब कृषि विश्वविद्यालय, सबौर का कुलपति बनाया गया तो उनकी पत्नी नीता चौधरी जेडीयू से विधायक बनीं थी. लेकिन जब नियोजन घोटाले में उनका नाम आया और विपक्ष में रहे सुशील मोदी ने सदन में यह मुद्दा उठाया तो नीतीश कुमार को मेवालाल चौधरी को पार्टी से निष्कासित करना पड़ा. हालांकि, जेडीयू ने 2015 में फिर उन्हें टिकट दिया, जिसके बाद वे तारापुर ने विधायक निर्वाचित हुए. इस बार के चुनाव में भी उन्होंने इस सीट से जीत हासिल की जिसके बाद उन्हें मंत्री बनाया गया था. लेकिन विवादों की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.