Bihar News: बिहार में चुनावी साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अल्पसंख्यक समुदाय से बड़ा झटका लगा है. सीएम नीतीश की इफ्तार पार्टी का मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने बायकॉट किया है. जिसको लेकर बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा कि जो नाराज हैं वो अपनी नाराजगी छोड़े और सब इफ्तार में शामिल हों. नीतीश कुमार देश में नंबर वन सेक्युलर नेता हैं. वो किसी भी धर्म को चोट नहीं पहुंचाना चाहेंगे. वो हमेशा हमारे साथ खड़े थे और खड़े हैं बहिष्कार का कोई मतलब नहीं. 


मंत्री ने आगे कहा कि इफ्तार कोई पॉलिटिकल मसला नहीं है. ये विपक्ष की साजिश है, हम सबसे बात कर रहे हैं. जब जेपीसी बनी तो नीतीश कुमार सबसे आगे थे. बिहार में जो वफ्फ बोर्ड का काम हुआ वो नीतीश कुमार ने किया.


चिराग पासवान के बयान पर क्या कहा?
बिहार में सुरक्षा व्यवस्था पर चिराग पासवान के बयान पर भी उनसे सवाल किया गया. जिसपर मंत्री जमा खान ने कहा कि छोटी घटनाएं होती रहती हैं. चिराग ने क्यों कहा क्या मैसेज दे रहे हैं ये नहीं पता, लेकिन नीतीश कुमार ने लॉ एंड ऑर्डर पर बहुत काम किया. मैं नीतीश कुमार का फैन हूं.


क्यों मुस्लिमों ने किया इफ्तार का बहिष्कार?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा वक्फ विधेयक का समर्थन करने पर मुस्लिम संगठनों ने उनके इफ्तार के निमंत्रण को ठुकराया है. इमारत शरिया ने मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित होने वाले ‘इफ्तार’ के निमंत्रण के जवाब में भेजे गए पत्र की प्रति साझा की. पत्र के मुताबिक 23 मार्च को सरकार की इफ्तार पार्टी में शामिल न होने का फैसला लिया है.


वक्फ विधेयक पर सीएम नीतीश के समर्थन को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. इस विधेयक से मुस्लमानों के आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन के बढ़ने का खतरा है. इमारत शरिया की तरफ से कहा गया है कि नीतीश कुमार धर्मनिरपेक्ष शासन का वादा कर सत्ता में आए थे. लेकिन बीजेपी से गठबंधन की वजह से उन्होंने ऐसे कानून का समर्थन किया जो असंवैधानिक और अतार्किक है.


यह भी पढ़ें: सपा सांसद रामजी लाल सुमन के विवादित बयान पर नित्यानंद राय का पलटवार- 'ये बहुत लज्जाजनक है'