घर में ही कपड़े धुलवाएंगे बिहार के मंत्री और अधिकारी! धोबियों ने 'दाग' धोने से किया मना, जानें पूरा मामला
धोबीघाट संघ के महासचिव ने चेतावनी दी है कि फरवरी के अंत तक धोबीघाटों के जीर्णोद्धार का काम शुरू नहीं हुआ तो 1 मार्च से मुख्यमंत्री, मंत्री के अलावे सभी प्रशासनिक अधिकारियों के कपड़े धोना बंद कर देंगे.
पटना: बिहार की राजधानी पटना में अब धोबी समाज के लोग हड़ताल पर जाएंगे. अब तक आपने शिक्षक, स्टूडेंट, सफाईकर्मी और डॉक्टरों को हड़ताल पर जाते देखा होगा. लेकिन अब सरकार से अपनी बात मनवाने के लिए पटना के धोबी भी हड़ताल पर जाने वाले हैं. अगर ऐसा हुआ तो सबसे ज्यादा परेशानी नेताओं और अधिकारियों का होगी, ऐसा इसलिए क्योंकि धोबी समाज के लोग ही माननीयों की कपड़े चमकाते हैं.
क्या है धोबियों की मांग
बता दें कि पटना के धोबियों ने 1 मार्च से किसी भी माननीय का कपड़े नहीं धोने का एलान कर दिया है. धोबियों की मांग है कि सभी धोबीघाटों का जीर्णोद्धार किया जाए. अगर इस पर जल्द काम शुरू नहीं हुआ तो वे सड़क पर उतरेंगे. धोबीघाट संघ के महासचिव ने चेतावनी दी है कि इस महीने के अंत तक धोबीघाटों के जीर्णोद्धार का काम शुरू नहीं हुआ तो 1 मार्च से मुख्यमंत्री, सभी मंत्रियों, सभी सांसदों, सभी विधायकों और सभी पार्षदों के अलावे सभी प्रशासनिक अधिकारियों के कपड़े धोना बंद कर देंगे.
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विधानसभा धेराव की दी चेतावनी
अगर हड़ताल से बात नहीं बनी तो बिहार विधानसभा के चालू सत्र अवधि में विधानसभा का घेराव किया जाएगा. कैपिटल धोबी घाट संघ के महासचिव रामविलास प्रसाद ने कहा कि पटना में धोबी लंबे समय से धोबी घाट के जीर्णोद्धार की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. पटना नगर निगम की 25वीं सशक्त समिति की बैठक 24 अगस्त 2018 को हुई थी, इसमें निर्णय लिया गया था कि पटना के छह धोबीघाटों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इस काम के लिए टेंडर भी किया गया. छह धोबी घाटों का आवंटन भी हो गया, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी आज तक एक भी घाट का जीर्णोद्धार नहीं किया गया. 2007 में धोबी घाट का निर्माण हुआ था जिसका उद्घाटन राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. लेकिन अभी सभी धोबी घाट की स्थिति जीर्ण शीर्ण हो चुकी है.
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