पटना: सदन में विपक्ष के सदस्यों का मंत्री से किसी उलझना और बहसबाजी करना आम बात है. लेकिन सत्ताधारी दल के सदस्यों का अपनी ही सरकार के मंत्री से सदन में उलझना ये सुनने में थोड़ा अटपटा लगता है. लेकिन बिहार विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान गुरुवार को ऐसा ही हुआ है. बीजेपी विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी सदन में आमने-सामने आ गए और एक दूसरे से जमकर बहस की.


विधायकों ने की थी ये मांग


दरअसल, बीजेपी विधायक राघवेन्द्र प्रताप समेत भीम कुमार सिंह, समीर कुमार महासेठ, राम प्रवेश राय, जनक सिंह और अख्तरुल इमान ने सदन में विधवा, दिव्यांग और वृद्ध को दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाने के लिए ध्यानाकर्षण सूचना पेश की थी.


सूचना में कहा गया था, " राज्य में वृद्ध, विधवा और दिव्यांग के लिए 400 रुपये सहायता राशि दी जाती है, लेकिन यह बहुत कम है. वृद्ध, विधवा और दिव्यांग अपने परिवार में निर्भर हो जाते हैं और आय का कोई स्रोत नहीं रहने के कारण दोयम दर्जे के नागरिक हो जाते हैं. दिव्यांगों के लिए दिल्ली में 2500 रुपये, हरियाणा में 3000 रुपये, गोवा में 3000 रुपये सहायता राशि दी जा रही है. इसी तरह से अन्य राज्यों में भी तीनों श्रेणी के असहायों की सहायता करने में सरकारें उदार हैं. बिहार में मात्र 400 रुपये ही दिए जा रहे हैं. ऐसे में सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और दिव्यांग सहायता राशि को 400 रुपये से बढ़ाकर हरियाणा के अनुरूप 3000 रुपये किया जाए. हम सदन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हैं."


मंत्री मदन साहनी ने दिया ये जबाव


ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब देने के लिए समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी खड़े हुए और कहा कि राज्य सरकार 95 लाख लोगों को सहायता राशि देती है. ऐसे में बिहार सरकार पेंशन या दूसरी सहायत राशि अन्य प्रदेशों के तुलना में नहीं दे सकती. सरकार अकेले 70 प्रतिशत खर्च का वहन करती है. इससे ज्यादा सरकार नहीं कर सकती है.


मंत्री के जवाब पर बीजेपी विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने आपत्ति जताई और कहा, " मंत्री जी, हसुवा के बियाह में खुरपी का गीत गा रहे हैं. जब सरकार बनी थी तब हमें लगा था कि जब सईया भये कोतवाल तो अब डर काहे का. लेकिन मंत्री के जबाब पर तो हजूर अब यही कहना पड़ेगा कि क्या करूँ सिंगार जब पिया मोरा अंधार. " इस पर सदन में हंगामा होने लगा, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सभी को शांत कराया.


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