पटना: बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए 24 सीटों पर 4 अप्रैल को हुई वोटिंग का 7 अप्रैल यानी कल परिणाम आएगा. पटना में आर्यभट नॉलेज यूनिवर्सिटी में वोटों की गिनती होगी. वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होगी. सूत्रों के अनुसार वोटों की गिनती के लिए मतगणना केंद्र पर 12 अलग-अलग टेबल लगाए गए हैं. हरेक मतगणना टेबल पर एक मतगणना पर्यवेक्षण और दो मतगणना सहायक रहेंगे.
इस प्रक्रिया का किया जाएगा पालन
सभी टेबल पर उम्मीदवारों के काउंटिंग एजेंट रहेंगे जो वोटों के गिनती की प्रक्रिया को देख सकेंगे व अपने निर्धारित टेबल पर नतीजों का अवलोकन कर सकेंगे. प्रथम गणना के बाद मतगणना टेबल से काउंटिंग एजेंट बाहर हो जाएंगे. द्वितीय व आगे की गणना केवल सहायक निर्वाची पदाधिकारी के टेबल पर होगा. बिहार में हर जगह काउंटिंग में ऐसा ही होगा.
बता दें कि विधान परिषद चुनाव के वोटों की गिनती में एकल संक्रमणीय आनुपातिक मतदान प्रक्रिया के आधार पर विजेता का फैसला होता है. वोटर एक मतपत्र पर प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ कुल चार वरीयता के उम्मीदवार चुनता है. इसी आधार पर चार वरीयता में वोटों की गिनती होती है. सभी विधिमान्य वोटों के सापेक्ष 50% मतों का कोटा होता है. 50 फीसदी से एक अधिक मत प्राप्त करने वाले को विजेता घोषित किया जाता है.
वहीं, प्रथम वरीयता में कुल मतों का 50 फीसदी मत प्राप्त नहीं करने पर दूसरी व तीसरी वरीयता के मतों को जोड़कर 50 प्रतिशत तक गिना जाता है. 50 प्रतिशत नहीं होने की स्थिति में वरीयता मतों की गणना में सबसे कम वोट प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को बाहर कर दिया जाता है. आखिर में बचा उम्मीदवार विजेता होता है.
कुल 187 प्रत्याशियों ने आजमाई है किस्मत
गौरतलब है कि इस बार 24 सीटों के लिए कुल 187 प्रत्याशी ने अपनी किस्मत आजमाई है. कुल 534 बूथों पर 1,34,106 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है. सहरसा सह मधेपुरा सुपौल निर्वाचन क्षेत्र से सबसे ज्यादा कुल 14 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा है. जबकि भोजपुर सह बक्सर निर्वाचन क्षेत्र से सबसे कम कुल दो प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में हैं. हालांकि, मुख्य मुकाबला एनडीए बनाम राजद-लेफ्ट गठबंधन के बीच माना जा रहा है.
एनडीए में बीजेपी 12, जेडीयू 11, आरएलजेपी एक सीट पर चुनाव लड़ी है. जबकि महागठबंधन में 23 सीटों पर राजद और एक सीट पर सीपीआई ने किस्मत आजमाया है. राजद से कांग्रेस का गठबंधन नहीं हो पाया. ऐसे में कांग्रेस आठ सीटों पर चुनाव लड़ी है. जबकि मुकेश सहनी की वीआईपी सात और चिराग की पार्टी छह सीटों पर चुनाव लड़ी है. एमएलसी चुनाव में सांसद, विधायक, राज्यसभा और विधान परिषद के सदस्य, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, मुखिया इत्यादि वोट करते हैं.
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