पटना: बिहार में विधायकों, पूर्व विधायकों, विधान पार्षदों और पूर्व विधान पार्षदों को मिलने वाले वेतन, भत्ता और पेंशन आदि की सुविधा में बढ़ोत्तरी की गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें 40 एजेंडों पर मुहर लगी. आइए जानते हैं कि अब वेतन बढ़ने के बाद किसे कितना फायदा होगा.


मुख्य रूप से मूल वेतन के अलावा क्षेत्रीय भत्ता, वाहन लोन, चिकित्सा भत्ता, स्टेशनरी भत्ता, निजी सहायक भत्ता, रेल और प्लेन भत्ता, आवास भत्ता आदि शामिल हैं. क्षेत्र में घूमने के लिए यात्रा भत्ता (टीए) विधान मंडल से सदस्य के क्षेत्र की दूरी के हिसाब से तय होगा. सदस्यों को प्रति किमी के हिसाब से टीए मिलता है. वेतन में टीए को जोड़ देने के बाद पटना के विधायक को सबसे कम वेतन जबकि किशनगंज, अररिया, सुपौल के विधायक को सबसे अधिक मिलेगा.


30 हजार तक बढ़कर मिलेगी विधायक को सैलरी


सब चीज जोड़ने के बाद लगभग 30,000 से ज्यादा विधायक की सैलरी बढ़कर मिलेगी. अभी तक विधायक और विधान पार्षद की मुख्य सैलरी 40,000 है, जबकि क्षेत्र के हिसाब से 40000 से 60000 तक क्षेत्र भ्रमण का भत्ता दिया जाता है. इसके अलावा अन्य भत्ता मिलाकर सवा लाख के करीब अभी विधायक को मिलताहै. अब वेतन बढ़ जाने से सभी विधायक और विधान पार्षद को डेढ़ लाख से ऊपर भत्ता के साथ सैलरी दी जाएगी.


आरजेडी ने सराहा, विधान पार्षद ने की आलोचना


पूर्व विधायक और विधान पार्षद को भी अब पेंशन बढ़कर मिलेगा. समस्तीपुर जिले की मोरवा विधानसभा सीट से आरजेडी विधायक ने कहा कि इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष का शुक्रिया. महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डीजल-पेट्रोल, खाद्य पदार्थों के दामों में बढ़ोतरी कर रहे हैं. ऐसे में विधायकों का क्षेत्रफल के हिसाब से भत्ता बढ़ना जरूरी था. यह बहुत सराहनीय काम है.


उन्होंने बताया कि उन्हें 40000 के अलावा 50,000 क्षेत्र में घूमने के लिए भत्ता मिलता है. इसके अलावा अन्य भत्ता दिया जाता है. वहीं आरजेडी के विधान पार्षद रामबली चंद्रवंशी का कहना है कि यह कोई अच्छा काम नहीं है. हम जनता के लिए हैं. अगर जनता के लिए कुछ काम होता तो अच्छी बात थी. विधायकों का पैसा बढ़ना कहीं से सही नहीं है.


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