(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar Bypoll: मोकामा, गोपालगंज में खत्म हुआ चुनाव प्रचार, इन बड़े दिग्गज नेताओं ने लगाया जोर, कल वोटिंग
Bihar By Election 2022: तेजस्वी ने AIMIM के प्रत्याशी उतारे जाने की ओर इशारा करते हुए कहा था, ‘‘यहां BJP की ‘बी टीम’ चुनाव लड़ रही है. जो स्वयं तो जीतेंगे नहीं, बीजेपी को जिताने का काम करेंगे.
Mokama Gopalganj Upchunav: बिहार (Bihar) के गोपालगंज (Gopalganj byelections 2022) और मोकामा (Mokama By-Election) विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर मंगलवार को चुनाव प्रचार समाप्त हो गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) जो अब महागठबंधन में हैं और दो सप्ताह पहले एक दुर्घटना में लगी चोटों के कारण प्रचार करने इन विधानसभा क्षेत्रों में नहीं जा सके थे, ने सोमवार को एक वीडियो संदेश जारी कर मोकामा के लोगों से राजद (RJD) उम्मीदवार नीलम देवी को वोट देने का आग्रह किया था. नीलम देवी के पति को विधायक पद से अयोग्य ठहराए जाने के कारण उपचुनाव कराना पड़ा है.
तेजस्वी ने संभाली कमान
उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार अभियान की कमान संभाल रखी थी और उन्होंने अपने पैतृक जिले गोपालगंज के साथ-साथ मोकामा में रैलियों को संबोधित किया. गोपालगंज में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने लगातार चार बार जीत दर्ज की है और राजद का इरादा इसबार बीजेपी से इस सीट को छीनना है. बीजेपी ने गोपालगंज से चार बार के विधायक रहे दिवंगत सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी को चुनावी मैदान में उतारा है. सिंह की मृत्यु के कारण उपचुनाव कराना पड़ा है.
क्या कहा तेजस्वी ने
तेजस्वी ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार मोहन प्रकाश गुप्ता के पक्ष में प्रचार अभियान के दौरान एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अपने मामा साधु यादव और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अपना प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे जाने की ओर इशारा करते हुए मतदाताओं से कहा था, ‘‘यहां बीजेपी की ‘बी टीम’ भी चुनाव लड़ रही है. जो स्वयं तो चुनाव जीतेंगे नहीं, बीजेपी को जिताने का काम करेंगे. आप सब ज्यादा होशियार हैं सब को पहचानते हैं. इसलिए ऐसे लोगों से सावधान रहना है.’’
ललन और उपेंद्र ने किया प्रचार
तेजस्वी के मामा साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव इस बार गोपालगंज से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. साधु यादव 2000 में इस सीट से राजद उम्मीदवार के तौर पर जीते थे और 2020 में बसपा के प्रत्याशी के तौर पर दूसरे नंबर पर रहे थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पाटी जनता दल (यूनाइटेड) (जद-यू) ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा जैसे पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों को अपने सहयोगी दल राजद के उम्मीदवार के पक्ष में चुनावी प्रचार के लिए मैदान में उतारकर अपने शीर्ष नेता की अनुपस्थिति की भरपाई करने की कोशिश की.
चिराग और पशुपति पारस ने भी किया प्रचार
बीजेपी द्वारा दोनों विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी के राज्य स्तरीय नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए उतारे जाने के साथ पिछले दिनों इसमें उस वक्त और गति आ गयी जब लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार करने के लिए इन क्षेत्रों का दौरा किया. चिराग के विद्रोही चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ हैं और वह पहले से ही बीजेपी उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार कर रहे हैं.
इन दोनों नेताओं के आपसी मतभेदों के बावजूद, उनके समर्थन से बीजेपी को दलित वोटों का एक बड़ा हिस्सा हासिल होने की उम्मीद जगी है. बीजेपी के प्रचार अभियान में मोकामा में पूर्व सांसद और पूर्व स्थानीय विधायक सूरज भान सिंह भी शामिल रहे हैं, जो पारस के नेतृत्व वाले लोजपा के अलग समूह के साथ हैं. मोकामा में स्थानीय बाहुबली एवं अनंत सिंह के विरोधी ललन सिंह को सूरज भान सिंह का विश्वासपात्र माना जाता है. ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी हैं.
खूंखार गैंगस्टर से राजनेता बने सूरज भान सिंह ने 2000 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह जो पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के कार्यकाल में मंत्री थे, को मोकामा से एक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में हराया था. बीजेपी ने गोपालगंज से राजद प्रत्याशी गुप्ता के खिलाफ झारखंड में लंबित एक मामले के बारे में अपने हलफनामे में जानकारी ‘‘छिपाने’’ के लिए उनको अयोग्य घोषित करने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं के साथ निर्वाचन आयोग से भी संपर्क किया था.
इसके अलावा पार्टी ने अनंत कुमार सिंह को पटना से दूर एक जेल में स्थानांतरित करने की मांग की थी. पार्टी का आरोप था कि अनंत सिंह मतदाताओं को सलाखों के पीछे से डराने की कोशिश कर रहे हैं. दोनों सीटों के लिए तीन नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे सात नवंबर को घोषित किए जाएंगे.