औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद में गुरुवार को निगरानी विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए ओबरा के प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी अंकेश पासवान को 35 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया और पटना के लिए रवाना हो गई. मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी द्वारा व्यापार मंडल के अध्यक्ष गिरीश कुमार उर्फ अनीश कुमार से बैंक से धान की राशि की भुगतान को लेकर नाजायज तरीके से पैसे की मांग की जा रही थी और चालीस हजार रुपये देने की बात की जा रही थी.


इधर, अनीश ने पूरे मामले को 35 हजार में तय कर, इसकी शिकायत निगरानी विभाग से करते हुए कार्रवाई की मांग की. अध्यक्ष द्वारा प्राप्त आवेदन के बाद निगरानी विभाग ने डीएसपी सर्वेश कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित कर प्रखंड सहायक पदाधिकारी को ट्रैप किया और 35 हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.


व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने बताया कि दस लाख रुपये का बकाया काफी दिनों से लंबित था. ऐसे में ट्रांसपोर्टिंग और अन्य भुगतान के बदले प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी द्वारा पैसों की मांग की जा रही थी. इधर, प्रखंड सहायक पदाधिकारी ने अपने ऊपर लगाए गए सारे आरोप को निराधार बताते हुए व्यापार मंडल के अध्यक्ष पर ही दबाव बनाकर गलत तरीके से राशि निकलने का आरोप लगाते हुए कहा कि अध्यक्ष द्वारा उन्हें ट्रांसफर कराने और फसाने की धमकी तक दी गयी थी और आज जबरदस्ती उन्हें फंसाया गया है.


फिलहाल निगरानी विभाग की टीम ने आगे की कार्रवाई करते हुए उन पर प्रपत्र गठित कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है. गौरतलब है कि सरकार द्वारा जिला स्तरीय एवं राज्यस्तरीय निगरानी समिति एवं धावा दल का गठन करते हुए नियंत्रण कक्ष नंबर जारी किए गए थे और इन नम्बरों पर प्राप्त शिकायतों के तहत करवाई की जा रही है. ओबरा की कार्रवाई भी उसी आधार पर की गई.