Bihar Assembly Monsoon Session Highlights: बिहार विधानसभा की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित, जानें दूसरे दिन कैसी रही सदन में हलचल?
Bihar Assembly Monsoon Session: 5 दिनों तक चलने वाले मानसून सत्र में आज का दिन अहम था, लेकिन आज भी सदन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई. मंगलवार को दो बार सदन को स्थगित करना पड़ा.
मंगलवार को बिहार विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन हंगामे के कारण दो बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. पहले 12 बजे और इसके बाद 2 बजे कार्यवाही स्थगित की गई. दो बजे जब दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो अगल-अलग विधेयक पेश किया जा रहा था, लेकिन सदन के अंदर विपक्षी नेताओं ने स्पेशल स्टेट्स नहीं मिलने पर नारजगी जताई और सदन से वाकआउट कर दिया, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने सदन की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थागित कर दी. हालांकि इस बात की उम्मीद थी कि आज पेपर लीक के खिलाफ सरकार का विधेयक पास हो जाएगा.
2 बजे से कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद सदन में अलग-अलग विधेयक पेश हो रहा है. इस बीच विपक्ष की नारजगी भी देखी जा रही है. विपक्ष ने सत्र का बहिष्कार कर दिया और सदन से वॉकआउट कर दिया. विपक्ष का कहना था कि केंद्रीय बजट में बिहार को कुछ नहीं मिला है.
सदन में विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने को लेकर भारी हंगामा हुआ. सदन की कार्यवाही आज भी नहीं चल सकी. विधानसभा अध्यक्ष ने दोपहर 2 बजे तक के लिए सदन को स्थागित कर दिया. वहीं बजट पर जेडीयू कोटे के मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार, वित्त मंत्री को धन्यवाद देते हैं कि बिहार पर ध्यान दिया गया. उनके शुक्रगुजार हैं. विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज हम लोग मांग किए थे. पैकेज मिलेगा वित्तीय सहायता दी जा रही है. बता दें कि आज भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादन सदन में मौजूद नहीं रहे.
कांग्रेस विधायक अजित शर्मा ने कहा कि ये बजट बिहार के किसी काम का नहीं है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का ऐलान नहीं हुआ, न ही विशेष पैकेज मिला. बिहार के साथ विश्वासघात हुआ है. नीतीश फिर एनडीए में क्यों हैं. बिहार को उसका हक नहीं मिला. बिहार को ठगा गया है
पूर्व शिक्षा मंत्री और राजद विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि बजट बिहार विरोधी है और निराशाजनक है. बिहार के लिए इसमें कुछ भी खास नहीं है. विशेष राज्य का दर्जा हम लोग चाहते थे नहीं मिला, विशेष पैकेज नहीं मिला. बिहार को ठगने का काम किया गया. 2015 का सवा लाख करोड़ का पैकेज आज तक नहीं मिला.
विधानसभा में 12 बजे से जैसे ही सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, वेल में पहुंचे महागठबंधन के विधायक नीतीश शर्म करो के नारे लगाने लगे. ये लोग विशेष राज्य का दर्जा देना होगा, देना होगा के नारे लगा रहे हैं. वेल में खड़े होकर महागठबंधन विधायक नारेबाजी कर रहे हैं, नीतीश इस्तीफा दें के नारे भी लग रहे हैं.
भारी हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. विपक्ष के लोग वेल में पहुंच कर हंगामा करने लगे. विधानसभा अध्यक्ष के लाख समझाने के बाद भी जब विपक्ष के नेता नहीं माने तो सदन की कार्यवाही को स्थागित करना पड़ा.
सदन में हंगामा कर रहे विपक्ष के नेता वेल में आ गए हैं. महागठबंधन के विधायक नारेबाजी कर रहे हैं और झुनझुना बजा रहे है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना होगा के नारे लगाए जा रहे हैं.
नीतीश हाय-हाय और नीतीश कुमार गद्दी छोड़ो के नारे लग रहे हैं. नरेंद्र मोदी हाय-हाय के नारे महागठबंधन वेल में खड़े होकर लगा रहे हैं, विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. वहीं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि विपक्ष अपनी बात रखे, सरकार विशेष राज्य के दर्जे पर जवाब देने के लिए तैयार है. विजय कुमार चौधरी ने कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने विशेष राज्य के दर्जे को खारिज कर दिया था.
बिहार विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरू हो गई है. नीतीश कुमार बिहार विधानसभा पहुंच गए हैं. वहीं जब पत्रकारों ने उनसे विशेष राज्य के दर्जे को लेकर लेकर सवाल किया तो उन्होंने पत्रकारों का अभिवादन किया और कहा की सब कुछ पता चलेगा. उधर सदन के अंदर महागठबंधन विधायक विशेष राज्य का दर्जा की मांग कर रहे, झुनझुना बजा कुछ विधायक विरोध कर रहे क्योंकि केंद्र सरकार ने कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता.
विधानमंडल के मानसून सत्र का दूसरे दिन पूर्व मंत्री और आरजेडी विधायक आलोक मेहता ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए. आज बजट आना है. केंद्र सरकार इसमें यह ऐलान करे कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा. केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी का यह कहना कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा. यह बहुत दुखद है. बिहार के साथ धोखा है. जेडीयू केंद्र सरकार से अलग हो, बीजेपी से गठबंधन तोड़े. विशेष राज्य के मुद्दे पर हम लोग जेडीयू का समर्थन करेंगे और बिहार को उसका हक दिलवाएंगे.
बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन वाम दल के विधायक बैनर पोस्टर लेकर विधानसभा परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. सीपीआई (एमएल) विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार के साथ धोखा किया है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए. नीतीश कुमार के समर्थन से केंद्र में सरकार चल रही. नीतीश कुमार समर्थन वापस लें. हम लोग उनका समर्थन करेंगे. केंद्र सरकार चाहे तो बिल लाए. हम लोग समर्थन करेंगे विशेष राज्य का दर्जे के लिए, क्योंकि बिहार गरीब राज्य है.
बैकग्राउंड
Bihar Monsoon Session: बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र की शुरुआत सोमवार (22 जुलाई) से हो गई. 5 दिनों तक चलने वाले मानसून सत्र में मंगलवार का दूसरे दिन काफी अहम माना जा रहा है. नीट पेपर लीक मामले को देखते हुए आज पेपर लीक मामला पर राज्य सरकार बड़े निर्णय ले सकते हैं इसके लिए आज सदन में चर्चा होगी और पेपर लीक मामले पर सख्त कानून बनाने का विधेयक सरकार पास कर सकती है.
सदन में आज पेश होग अहम विधेयक
ऐसा माना इसमें पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों या षडयंत्रकर्ता पर 10 साल की सजा के साथ एक करोड़ जुर्माने का भी प्रावधान लाया जाएगा. साथ ही पेपर लीक मामले में संबंधित किसी भी छात्र या समूह के लिए सजा के प्रावधानों में बढ़ोतरी की जाएगी. इस कानून के अधीन सभी अपराध संगेय एवं गैर जमानतिय होंगे, विधायक आज मंगलवार को चर्चा के लिए सदन में पेश किया जाएगा.
सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन विधायकों के बीच बिहार लोक परीक्षा विधेयक 2024 की प्रति बांटी गई है. परीक्षा में कदाचार को रोकने के लिए भारत सरकार ने कानून बनाया है और राज्यों से भी इसे पारित कर लेकर पत्र भेजा है. विधेयक में दिया गया है कि कानून के अधीन अपराधों में संलिप्त व्यक्ति को 3 साल से 5 साल तक की सजा हो सकती है. अगर कोई अभ्यार्थी परीक्षा के नियमों का उल्लंघन करते पाया जाता है तो उसे भी तीन से पांच साल की सजा और 10 लख रुपए जुर्माना का प्रावधान नए बिल में किया गया है.
क्या होगा देषियों के लिए प्रावधान?
वहीं अगर परीक्षा में शामिल कोई कर्मी नियम का कानून का उल्लंघन करते हैं तो उनके लिए एक करोड़ जुर्माना का प्रावधान है. साथ ही परीक्षा में जो भी लागत होंगे, उसकी वसूली उन कर्मियों से की जाएगी और 4 साल के लिए ब्लैकलिस्टेड कर दिया जाएगा. पेपर लीक मामले में किसी भी व्यक्ति या कोई समूह के साथ परीक्षा कर्मियों से मिली भगत होगी तो अधिकारियों और उक्त व्यक्ति को 5 से 10 साल की सजा और एक करोड़ जुर्माना का प्रावधान लाने के लिए आज बिल पेश होगा. साथी उन दोषी लोगों की संपत्ति की कुर्की का भी प्रावधान लाया जाएगा.
अगर कोई अधिकारी इसमें शामिल होंगे तो उन्हें 10 साल से कम की सजा नहीं होगी और उन्हें एक करोड़ जुर्माना भी लगेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही मानसून सत्र पर पेपर लीक में नया बिल लाने की घोषणा की थी और इसको आज सदन में अंतिम रूप दिया जाएगा.
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