बिहार के दो छात्र हुए 'मालामाल', खाते में मिले 960 करोड़ से भी अधिक रुपये, बैंक बैलेंस देख उड़े सबके होश
कटिहार डीएम ने कहा कि किसी ने फ़ोन पर जानकारी दी थी. ऐसे में गुरुवार की सुबह संबंधित बैंक की शाखा खुलवा कर ब्रांच मैनेजर से स्टेटमेंट निकलवाया गया. उस वक्त बच्चों का बैंक बैलेंस 100 रुपये ही था.
कटिहार: बिहार के कटिहार जिले में चौकाने वाला मामला सामने आया है. मामला जिले के बघोड़ा पंचायत के पसतिया गांव का है, जहां स्कूली बच्चों के खाते में 960 करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि पाई गई है. प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले दोनों बच्चों के खाते में इतने बड़ी राशि आने के बाद गांव में सनसनी फैल गई है. सभी बच्चों और उनके परिजनों से मिलकर जानना चाह रहे हैं कि आखिर इतने पैसे बच्चों के खाते में आए कैसे.
बैंक बैलेंस चेक करने गए थे
दरअसल, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के खाता धारक दोनों बच्चे बिहार सरकार की ओर से सीधे खाते में मिलने वाली पोषाक की राशि चेक करने गए थे. लेकिन बच्चों के खाते में इतनी बड़ी रकम देख सीएसपी संचालक भी हैरान रह गए. वहीं, ये बात आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई, जिसके बाद देखते ही देखते खाता चेक करवाने हेतु सीएसपी में लंबी कतार लग गई.
सीएसपी संचालक एवं ग्रामीण हैरान
मालूम हो कि सूबे के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पोशाक की राशि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में बिहार सरकार द्वारा हस्तांतरित की जाती है. इस बाबत बुधवार को पस्तिया गांव के दो बच्चे गुरुचंद्र विश्वास और निताई कुमार विश्वास बैंक बैलेंस चेक करने गए थे. लेकिन उनके खाते में इतनी बड़ी रकम देख सीएसपी संचालक एवं ग्रामीण हैरान रह गए.
खाते से पैसे वापस लौट गए
जानकारी अनुसार खाता उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के भेलागंज शाखा की है. सीएसपी संचालक की मानें तो छात्र गुरुचंद्र विश्वास के खाते में 60 करोड़ से अधिक और निताई कुमार विश्वास के खाते में 900 करोड़ से भी अधिक राशि जमा थी. वहीं, इस संबंध में विनोद विश्वास ने कहा कि मेरे पुत्र गुरु चंद्र विश्वास के खाते से पैसा वापस लौट गए हैं. लेकिन अकाउंट में 200 से अधिक रुपए पहले से मौजूद थे, जिसे सरकार से लौटाने की मांग है. जबकि दूसरे बच्चे के खाते में 60 करोड़ से अधिक की रकम अभी भी मौजूद है, जिसकी निकासी नहीं हो रही है.
वहीं, इस संबंध में कटिहार डीएम उदयन मिश्रा ने कहा कि किसी ने फ़ोन पर इस बाबत जानकारी दी थी. ऐसे में गुरुवार की सुबह संबंधित बैंक की शाखा खुलवा कर ब्रांच मैनेजर से स्टेटमेंट निकलवाया गया. उस वक्त बच्चों का बैंक बैलेंस 100 रुपये ही था. जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर की कुछ त्रुटि हुई थी. खाते में उतने पैसे जमा नहीं हुए थे. लेकिन अब उसे ठीक कर दिया गया है. नार्मल जो बैलेंस था, वो अब दिखाने लगा है. ऐसी कोई बात नहीं है.
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