मोतिहारी: रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. अब भी बिहार के लगभग हर जिले के छात्र यूक्रेन के अलग-अलग जगहों में फंसे हुए हैं. जबकि कई ऐसे भी हैं जो अपने घर लौट गए हैं. इसी क्रम में रविवार को मोतिहारी निवासी आशीष घर वापस लौटा. बस से उतरते ही सबसे पहले उसने पिता और फिर चम्पारण के धरती को प्रणाम किया. उसके बाद घर पहुंचा. इधर, बेटे को देखते ही सभी परिजनों की आखें खुशी से नम हो गईं.  वहीं, मां अपने लाडले को गले से लगाकर रोने लगी. फिर उसकी आरती भी उतारी. इधर, बहन ने भी फूल देकर स्वागत किया.


परिजनों ने कही ये बात 


परिजनों ने बताय कि कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस बच्चे को डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए यूक्रन भेजा था, वो इस स्थिति में फंस जाएगा. स्थिति ये थी कि बेटा कई दिनों तक यूक्रेन के चैनिबस्ति में बंकर में शरण लिए हुए था. उसके पास खाने-पीने का भी कोई सामान नहीं था और ना ही पैसे थे. न कोई अपना और न कोई हितैसी सहारा था. ऐसे में सिर्फ ऊपर वाले से उम्मीद थी. लेकिन भारत सरकार ने  बच्चों को सुरक्षित वहां से लाने की व्यवस्था कर दी. अब बच्चे अपने घर लौट रहे हैं. 


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इधर, आशीष ने बातचीत के क्रम में यूक्रेन और वहां फंसे बच्चों की कहानी बताई. वहीं, अपने पुत्र की सही सलामत वापसी पर बात करते हुए उसके पिता मुन्ना गिरी ने भावुक होकर भारत और बिहार सरकार के सराहनीय कदम की तारीफ की. आशीष की घर वापसी पर उसके पड़ोसियों और मोहल्लेवासियों में खुशी का माहौल है. सभी लोग भारत माता और भारत सरकार की जय के नारे लगा रहे थे. 


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