Motihari News: बिहार सरकार पर विपक्ष लगातार भ्रष्टाचार को लेकर हमलवार रहता है. एक बार फिर पुर्वी चंपारण जिले के रक्सौल प्रखंड संसाधन केंद्र (प्रखंड शिक्षा कार्यालय) में (20 अक्टूबर) को रिश्वत लेने का खुलासा हुआ है. ये खुलासा एक सोशल मीडिया ने किया है, जिसके बाद इस मामले में किरानी पर एफआईआर का आदेश जारी हुआ है. जिला शिक्षा विभाग पूरे मामले की गहनता से जांच में जुट गया है. 


जिला शिक्षा पदाधिकारी ने की जांच 


दरअसल बीआरसी रक्सौल में सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों को प्रमाण पत्र देने के बदले दो-दो सौ रुपये लिए जा रहे थे, जिसका लाइव वीडियो से खुलासा हुआ है. इसके बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और जांच के लिए खुद जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार रक्सौल बीआरसी पहुंचे और घंटो जांच में जुटे रहे. जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार के आदेश पर अब बीआरसी रक्सौल के सहायक हाकिम अनवर पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, जबकि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रंजना कुमारी के विरूद्ध प्रपत्र गठित करने के लिए सरकार को भेजा जाएगा. 


पूरा मामला शुक्रवार की शाम का है, जहां जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार लाव लश्कर के साथ रक्सौल बीआरसी पहुंचे थे. वे बीआरसी के सहायक हाकिम अनवर का पिछले दिनों रिश्वत लेते एक वीडियो वायरल होने के मामले को जांच करने आए थे. जांच में उन्होंने पाया कि बीआरसी का सहायक खुलेआम सभी सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों को प्रमाण पत्र देने के बदले दो-दो सौ रुपये ले रहे थे.


दलालों के माध्यम से होती है पैसा की वसुली 


मोतिहारी डीइओ ने जांच में यह भी पाया कि रक्सौल बीआरसी में दलालों के माध्यम से पैसा वसुली किया जाता है, जिसके लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के विरूद्ध प्रपत्र गठित करने के लिए सरकार को लिखेंगे. दरअसल कि रक्सौल बीआरसी में भ्रष्टाचार चरम पर है और हर काम के लिए रिश्वत लेने की चर्चा होती रहती है. कई दफा स्कूल के प्रधान शिक्षकों पर लगे आरोपों के रफा-दफा में भी रिश्वत का बाजार गर्म होता रहता है. ऐसे में जिला शिक्षा पदाधिकारी की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार नियंत्रण की दिशा में पहला कदम साबित हो सकती है.


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