LJP 25th Foundation Day: सब कुछ मिल गया, चाचा कब मिलेंगे? सवाल पर चिराग पासवान का दो टूक जवाब
Chirag Paswan statement: चार साल पहले चिराग पासवान का परिवार जो टूट गया था वह फिर जुटेगा है या नहीं. इस पर चिराग पासवान ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.
![LJP 25th Foundation Day: सब कुछ मिल गया, चाचा कब मिलेंगे? सवाल पर चिराग पासवान का दो टूक जवाब Bihar MP Chirag Paswan statement on question of when will he meet uncle Pashupati Paras ann LJP 25th Foundation Day: सब कुछ मिल गया, चाचा कब मिलेंगे? सवाल पर चिराग पासवान का दो टूक जवाब](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/11/28/e1af570ff7ef0fd22e7fdfa4ebb4795d17328034521851008_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Chirag Paswan News: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के लिए गुरुवार (28 नवंबर) का दिन बेहद खुशी का है, क्योंकि पार्टी का आज 25वां स्थापना दिवस है और चार साल बाद पार्टी सुप्रीमो चिराग पासवान (Chirag Paswan) अपने पुराने कार्यालय में स्थापना दिवस मना रहे हैं. चिराग पासवान आज काफी उत्साहित दिखे. बीते चार साल में उन्होंने बहुत कुछ हासिल कर लिया. इस समय चिराग पासवान की पार्टी का बिहार में एक ताकतवर पार्टी के रूप में विस्तार हो चुका है.
परिवार के एक होने पर क्या बोले चिराग?
दरअसल लोकसभा में उनके सभी पांचो सांसद जीत कर आए. झारखंड में भी एक सीट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल हुई. अब उनका खोया हुआ कार्यालय भी वापस मिल गया, लेकिन चार साल पहले चिराग पासवान का परिवार जो टूट गया था वह फिर जुटेगा है या नहीं. इस पर चिराग पासवान ने बड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये तो संभव नहीं है. चिराग पासवान को सब कुछ मिल गया अब क्या चाहेंगे कि चाचा भी साथ हो. इस सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने कहा कि यह ऐसा सवाल है जिसको मैं नहीं दे सकता.
चिराग पासवान ने चाचा का नाम लिए बिना कहा कि घर के बड़े तो वे हैं, अलग होने का फैसला भी उन्हीं का था, मुझसे और मेरी मां से सारे रिश्ते तोड़ने का फैसला भी उन्हीं का था. साथ आना है नहीं आना है, इसका पहले फैसला तो उन्हीं को लेना है और मेरे परिवार में बड़ों को लेना है. मेरी बुआ हैं. मेरे परिवार के तमाम पिछली पीढ़ी के सदस्य उनको यह फैसला लेना है. चिराग पासवान ने कहा कि लेकिन जिस तरीके से वह रिश्तों में कड़वाहट ले आए, वे यहां तक का गए कि मेरे और उनके खून में फर्क है तो मैं नहीं मानता हूं, मुझे नहीं लगता है कि शायद कभी यह सब एक हो सकता है.
चिराग पासवान अपने पुराने पार्टी कार्यालय में 25 वां स्थापना दिवस मनाने पर कहा कि इस कार्यालय से बहुत सारी यादें जुड़ी हुई हैं. जब मुझे राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था. तब पापा के साथ मैं यहां आता था, उनको काम करते हुए मैं यहां देखता था. वह सब यादें हैं लेकिन यह कार्यालय सरकारी प्रक्रिया के तहत मुझे मिला है. मैंने सरकार से अपनी पार्टी के लिए कार्यालय मांगा, यह अहम संयोग है कि मुझे मेरा पुराना कार्यालय ही मिल गया. यह सरकारी प्रक्रिया है. आज मेरा है कल किसी और का हो सकता है, परसो किसी और का.
कार्यालय से मेरी यादें जुड़ी हुई हैं-चिराग
एलजेपीआर चीफ ने कहा कि फिलहाल मुझे मिल गया है और इस कार्यालय से मेरी यादें जुड़ी हुई हैं तो हम लोग स्थापना दिवस गांधी मैदान में मानने वाले थे, लेकिन जब मेरा पुराना कार्यालय मिला तो हम सभी की राय हुई कि इसी में स्थापना दिवस मनाया जाए. उन्होंने कहा कि पुराना कार्यालय मिल गया है, पुराना चुनाव चिन्ह बांग्ला छाप भी बहुत जल्द आ जाएगा. चुनाव आयोग में सुनवाई अंतिम दौर में है. चुनाव चिन्ह के साथ-साथ हमारी पार्टी का पुराना नाम लोक जनशक्ति पार्टी भी बहुत जल्द हो जाएगा.
ये भी पढ़ेंः Bihar Politics: 'हमारा लक्ष्य 200 से 25 ज्यादा सीटें जीतना...', चिराग पासवान ने किया 2025 में NDA की बड़ी जीत का दावा
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)