बिहार: अररिया के दो मजदूरों की जम्मू कश्मीर में हत्या पर गांव में पसरा मातम, लोग स्तब्ध, पढ़ें ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट
रविवार को कश्मीर में आतंकवादियों ने दो मजदूरों की गोली मारकर हत्या की थी. ये दोनों बिहार के अररिया जिले के रहने वाले थे. मिर्जापुर के दो दर्जन से अधिक लोग कश्मीर में काम करने गए हैं.
अररियाः रविवार को कश्मीर में आतंकवादियों ने दो और मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी. ये दोनों बिहार के अररिया के रहने वाले थे. एक मजदूर घायल भी हुआ है जिसकी सलामती के लिए उसके घर वाले दुआ कर रहे हैं. हत्या की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया है. एक मजदूर रानीगंज प्रखंड के बौसीं थाना क्षेत्र का रहने वाला राजा ऋषिदेव (32 वर्ष) है तो वहीं दूसरा मजदूर बनगामा पंचायत के खेरूगंज का रहने वाला योगेन्द्र ऋषिदेव (34 वर्ष) है. वहीं घायल होने वाला भी मजदूर चुनचुन ऋषिदेव मिर्जापुर पंचायत के वार्ड 11 का रहने वाला है.
गांव में रहकर खा लेंगे नमक रोटी
रविवार को यह खबर मिलते ही देर रात मिर्जापुर गांव में ग्रामीण एकजुट हो गए. सभी इस घटना को लेकर दुख जता रहे थे. कोई सरकार को कोस रहा था तो कोई घायल चुनचुन की सलामती की दुआ कर रहा था. इस दौरान एक शख्स ने कहा कि मिर्जापुर के दो दर्जन से अधिक लोग कश्मीर में काम करने गए हैं. वे लोग वहां मजदूरी करते हैं. सबकी जुबान पर एक ही शब्द अब आ रहा था कि जल्दी से उनके बेटे-पोते सभी सकुशल वापस आ जाएं. जान बचेगी तो गांव में ही रहकर वह नमक रोटी खा लेंगे.
खुशहाली की जगह आई मौत की खबर
एक तरफ लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं तो वहीं खेरूगंज में योगेंद्र की मां करनी देवी अपने बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद बार-बार बेहोश हो रही थी. घर में चित्कार है. योगेंद्र की मां विलाप करने के साथ ही कह रही है कि उनका मंझला बेटा घर में खुशहाली आए इसकी वजह से कमाने के लिए कश्मीर गया था, लेकिन खुशहाली की जगह मौत की खबर आई. अब वह जी कर क्या करेगी. वहीं, योगेंद्र के ससुर तेजु ऋषिदेव ने बताया कि योगेंद्र के चार छोटे-छोटे बच्चे हैं. अब उसका भरण पोषण कैसे होगा? वे तो खुद बूढ़े हो गए हैं. बेटी खुद का और अपने चार बच्चों का भरण पोषण कैसे करेगी? योगेंद्र की कमाई से उसके बच्चे का पेट पलता था.
इधर, मिर्जापुर के ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव के जो भी कश्मीर गए हैं सबको ठेकेदार ही लेकर गया था. पांच-छह माह बीतने पर वापस नहीं आने दिया जा रहा है. बार-बार वे लोग ठेकेदार को फोन करते हैं तो कहता है अब वापस भेज देंगे. इस बीच मरने व घायल होने की अब खबर आई. मिर्जापुर के लोग देर रात पंचायत समिति सदस्य आशीष भगत के घर पहुंचे. यहां अपने गांव के युवकों को किसी तरह वापस बुलाने की मांग करने लगे. गांव में यह मातमी सन्नाटा सबको स्तब्ध कर देने वाला है.
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