पटना: बिहार का बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में सजायाफ्ता रामानुज ठाकुर उर्फ मामू की दिल्ली की तिहाड़ जेल में मौत हो गई. 70 वर्षीय रामानुज लंबे समय से बीमार चल रहा था. तिहाड़ जेल प्रशासन के सूत्रों के अनुसार रामानुज की मौत नेचुरल हुई है. दिल्ली के तिहाड़ जेल के महानिदेशक संजय गोयल ने इसकी पुष्टि की है. पोस्टमार्टम के बाद जेल प्रशासन ने उसका शव परिजनों के हवाले कर दिया.बताते चलें कि रामानुज मुजफ्फरपुर सेल्टर होम कांड के मास्‍टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर का रिश्ते में मामा लगता था.वह 23 फरवरी 2019 से तिहाड़ जेल में बंद थे.


रामानुज पर बालिकागृह की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने समेत कई गंभीर आरोप लगे थे. 11 फरवरी 2020 को दिल्ली के साकेत कोर्ट ने उनको आजीवन कारावास के साथ 60 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई थी.समस्तीपुर के रहनेवाले रामानुज ठाकुर जो बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के रिश्ते में मामा लगते थे. वह मुजफ्फरपुर में रहकर ही ब्रजेश ठाकुर की बालिका गृह और उनके एनजीओ की कामकाज देखा करते थे. 2018 में टीस की रिपोर्ट के बाद जब बालिका गृह की बच्चियों के साथ दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया था. तब रामानुज की भूमिका भी संदेह के घेर में आई थी. सीबीआइ की टीम ने उसे मुजफ्फरपुर से ही गिरफ्तार किया था.


बताते चलें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड तब संज्ञान में आया था, जब 26 मई 2018 में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस ने बिहार सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी. इसमें मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण किए जाने का जिक्र किया गया था.


बच्चियों ने महिला थाने की पुलिस व सीबीआइ को दिये अपने बयान में रामानुज पर भी दुष्कर्म करने के साथ- साथ तरह- तरह की यातनाएं देने का आरोप लगाया था. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा भेज दिया गया था, बाद में उसे दिल्ली के तिहार जेल में शिफ्ट किया गया था.