पटना: बिहार में मंगलवार को निकाय चुनाव (Bihar Nagar Nikay Chunav 2022) के प्रथम चरण का परिणाम घोषित हो गया. 156  निकायों के लिए आज काउंटिंग की गई है. सभी क्षेत्रों से प्रत्याशियों ने विभिन्न पदों पर जीत हासिल की है. इसमें  पहले चरण में कुल 3658 पदों के लिए वोटिंग हुई थी. इनमें वार्ड पार्षद के 3346 पद, उप मुख्य पार्षद के 156 एवं मुख्य पार्षद के 156 पद शामिल हैं. इन पदों पर मंगलवार को रिजल्ट जारी हुआ है. अब जीत के बाद सभी प्रत्याशी अपने कार्यों को करेंगे और जनता ने जो भरोसा दिखाकर अपने लिए नगर की सरकार चुनी है उस पर भी विकास कार्यों की मुहर लगाएंगे. 


74 वें संविधान संशोधन अधिनियम के अंतर्गत नगर निकायों को शहरी क्षेत्रों में स्वशासन स्थापित करने के लिए विभिन्न कार्य व जिम्मेदारियां दी गईं हैं. इनमें निकाय गांव व शहर और वहां के आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय के लिए योजना तैयार करता है. ग्रामीण और शहरी इलाकों के लोगों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाना निकाय का कार्य होता है. संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए किसी राज्य का विधानमंडल, विधि द्वारा नगर-निकायों को ऐसी शक्तियां और प्राधिकार प्रदान कर सकेगा जो उन्हें स्वायत शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करने के लिए जरूरी है. नगर निकाय उन्हीं के अंदर कार्य करता है


नगर निकाय के कार्य


1.सार्वजनिक सड़कों और स्थानों पर पीने के पानी की व्यवस्था करना
2-सार्वजनिक सड़कों और स्थानों पर रोशनी का प्रबंध करना 
3-नगरपालिका की सीमा का सर्वेक्षण करना और सीमा चिन्ह लगाना
4-सार्वजनिक सड़कों, स्थानों और नालियों की सफाई करना, हानिकारक वनस्पति को हटाना.
5. घरेलू, औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए जलापूर्ति उपलब्ध करना.
6.आवारा और खतरनाक पशुओं को पररूद्व कराना, हटाना या नष्ट करना.
7.लोक सुरक्षा, स्वास्थ्य या सुविधा के आधार पर सड़कों या सार्वजनिक स्थानों में अवांछनीय और अवरोध प्रक्षेप हटाना.
8.खतरनाक भवनों या स्थलों को सुरक्षित बनाना या हटाना.
9.मृतकों के निस्तारण के लिए स्थान अर्जित, अनुरक्षित, परिवर्तित और विनियमित करना.
10.सार्वजनिक सड़कों, पुलियों, बाजारों वेधशालाओं, शौचालय, संडास, मूत्रालयों, नालियों, जलोत्सारण, निर्माण कार्य तथा सीवर व्यवस्था सम्बन्धी निर्माण कार्यों का निर्माण, परिवर्तन और अनुरक्षण करना है. 


विभिन्न विषयों के अंतर्गत नगर निकाय करता है कार्य


बता दें कि नगर निकाय इसके अलावा भी सैकड़ों विभिन्न प्रकार के कार्यों को देखता है. नगर निकायों के कार्यों से संबंधित विषयों का उल्लेख संविधान की 12वीं अनुसूची में किया गया है. इसमें नगर के नियोजन सहित शहरी नियोजन, भू-उपयोग का विनियम और भवन-निर्माण, आर्थिक व सामाजिक उन्नयन को ध्येय से नियोजन, सड़क एवं पुल, घरेलू उपयोग व औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रयोजन के लिए जलापूर्ति, जन स्वास्थ्य, स्वच्छता, जल-प्रबन्धन एवं कूड़ा-कचरा निस्तारण, अग्निशमन सेवाएं, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण संरक्षण के ध्येय से शहरी वनीकरण, शारीरिक व मानसिक विकलांगों सहित समाज के 10 कमजोर वर्गों का हित संरक्षण और मलिन बस्ती सुधार एवं उन्नयन समेत 19 से 20 विषय के अंतर्गत कार्य करता है.


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