(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar Nagar Nikay Chunav 2022: बिहार में निकाय चुनाव की नई तारीख का एलान, 18 और 28 दिसंबर को होगी वोटिंग
Bihar News: बिहार में 18 और 28 दिसंबर को नगर निकाय चुनाव के लिए दो चरणों में मतदान होना है. बुधवार को बिहार निर्वाचन आयोग ने नई तारीखों को लेकर आदेश जारी कर दिया है.
पटना: बिहार में होने वाले नगर निकाय चुनाव (Bihar Nagar Nikay Chunav Election 2022 )की नई तारीख का एलान हो गया है. बिहार निर्वाचन आयोग ने बुधवार को एक पत्र जारी किया है जिसमें नई तारीख दी गई है. जिले के सभी डीएम के नाम पत्र लिखा है. पत्र के मुताबिक 18 दिसंबर को पहले चरण में मतदान होना है. इसकी 20 दिसंबर को मतगणना की जाएगी. दूसरे चरण के लिए वोटिंग 28 दिसंबर को होगी जिसकी 30 को काउंटिंग की जाएगी. इससे पहले पटना हाई कोर्ट में अति पिछड़ा आयोग के डेडिकेटेड कमीशन बनाने को लेकर चुनाव को स्थगित कर दिया गया था. अक्टूबर में ही बिहार सरकार ने कमेटी का गठन कर लिया था. उसकी रिपोर्ट सौंपने पर ही चुनाव कराने की बात कही गई थी.
अति पिछड़ा आयोग कमेटी गठन करने को लेकर फंसा था पेंच
उस वक्त पहले चरण के चुनाव की तारीख 10 दिसंबर रखी गई थी. वहीं दूसरे चरण के चुनाव की तारीख 20 दिसंबर रखी गई थी. इसपर पटना हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. अति पिछड़ा आयोग के कमेटी बनाने को लेकर विवाद छिड़ा था. कोर्ट के आदेशों के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने अक्टूबर में ही कमेटी का गठन कर लिया था. इसके बाद इस दिशा में काम होना शुरू हो गया था. कुछ दिन पहले ही कमेटी का कहना था कि जल्द ही रिपोर्ट सौंप दी जाएगी जिससे कि निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा. आज बुधवार को निर्वाचन आयोग द्वारा जारी पत्र के मुताबिक निकाय चुनाव की नई तारीख की सूचना सभी जिले के डीएम को दी गई है. आज 30 दिसंबर को ही राज्य सरकार द्वारा गठित डेडिकेटेड कमीशन की रिपोर्ट नगर विकास एवं विभाग ने बिहार निर्वाचन आयोग को प्रतिवेदन सौंपी है. इसके बाद निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है.
डेडिकेटेड कमीशन की रिपोर्ट आने पर ही होना था चुनाव
राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेश के बाद ही अति पिछड़ा आयोग के लिए डेडिकेटेड कमीशन बनाई थी. राज्य सरकार ने कहा था कि अति पिछड़े वर्ग की राजनीतिक पिछड़ेपन के लिए इस विशेष कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी ने अति पिछड़ों के राजनीतिक पिछड़ेपन पर अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट सौंपी जाएगी. इसके बाद ही राज्य में नगर निकाय चुनाव कराने की अनुमति दी जा सकेगी. वहीं इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब तक राज्य सरकार तीन जांच की अहर्ता पूरी नहीं कर लेती तब तक राज्य के चुनाव में ओबीसी सीट को जनरल मानकर ही टिकट दी जाएगी.
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