पटना:  बिहार में नगर निकाय चुनाव को लेकर जंग छिड़ गया है. कोर्ट (Patna High Court) द्वारा निकाय चुनाव (Bihar Nikay Chunav) पर रोक लगाने के फैसले के बाद सत्ता दल और विपक्ष आमने सामने आ गए हैं. सभी पार्टी एक दूसरे पर कड़ा प्रहार करते हुए आपस में ही भिड़ गई है. एक ओर जेडीयू (JDU) बीजेपी पर आरोप लगा रही तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर ठीकरा फोड़ रही. बीजेपी (BJP) ने नीतीश कुमार को अति पिछड़ा और पिछड़ा वर्ग विरोधी बताते हुए जमकर खरी खोटी सुनाई है.


सीएम नीतीश पर बरसे नेता प्रतिपक्ष


चुनाव रद्द होने के बाद बिहार विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया है. कहा कि नीतीश कुमार अति पिछड़ा वर्ग विरोधी हैं. वह पिछड़ों का सम्मान नहीं करते. कोर्ट ने जो आज आरक्षण को लेकर चुनाव पर रोक लगाई है उससे यह स्पष्ट है कि नीतीश कुमार के जिद पर बिहार चल रहा है. नीतीश कुमार जिद मचाए हुए थे. आज से छह महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से आदेश था कि कमेटी बनाएं. हमलोग इसके लिए तैयार भी थे. एडवोकेट जनरल को प्रस्ताव भी भेजा गया था. उस दौरान नीतीश कुमार ही इकलौते जिद्दी व्यक्ति थे जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कमेटी का गठन नहीं किया. नीतीश कुमार ने बिहार में आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया. इससे ये जाहिर होता है कि वह अति पिछड़ा वर्ग विरोधी हैं.


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बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री बोले- नीतीश जिम्मेदार


वहीं बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री निखिल आनंद ने भी नीतीश कुमार पर तीखा प्रहार किया. नगर निकाय चुनाव पर कोर्ट के इस फैसले को सीएम नीतीश की गलत हरकत बताते हुए बीजेपी अति पिछड़ा वर्ग की ओर से नाराजगी जाहिर की. कहा कि मुख्यमंत्री ने जानबूझकर पिछड़ा- अति पिछड़ा को धोखा दिया. आयोग के गठन को लेकर नीतीश कुमार से सवाल करते हुए कहा कि वह बताएं कि ये जिम्मेदारी किसकी थी.सारी बातें जानने के बाद भी उन्होंने हमारे वर्ग को अपमानित करवा दिया.


आगे निखिल आनंद बोले कि मुख्यमंत्री ने बिना तैयारी के ही चुनावी प्रक्रिया शुरू करवा दी. वह बिना किसी तैयारी और तथ्य के कोर्ट में पक्ष रखने गए. उनकी इस हरकत से पिछड़ा- अति पिछड़ा विरोधी वाली मानसिकता की पोल खुल गई है इसलिए जेडीयू के लोग भद पिटवाने के बाद अब छाती पीटने का नाटक ना करें. ये सारा किया करा नीतीश कुमार का है और इसका जवाब भी वही देंगे.


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कुशवाहा ने बीजेपी को बताया साजिशकर्ता 


जेडीयू संसदीय बोर्ड के चेयरमैन उपेंद्र कुशवाहा ने इसे बीजेपी की बड़ी साजिश बताई है. कहा है कि कोर्ट के कहने के बाद भी आरक्षित सीटों को लेकर जांच नहीं हुई. कोर्ट ने तीन बार जांच कराने के आदेश दिए थे. केंद्र ने कराए होते तो ये नौबत नहीं आती. कुशवाहा बोले कि इस बात से साफ जाहिर है कि केंद्र सरकार अति पिछड़ों की विरोधी सरकार है. वहीं कुशवाहा बोले कि पटना हाईकोर्ट की तरफ से जो आदेश दिया गया है कि अति पिछड़ा का आरक्षण समाप्त होना चाहिए. चुनाव को रद्द करके फिर नए सिरे से चुनाव कराए जाएंगे. उच्च न्यायालय का यह फैसला काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.


कोर्ट ने रोका चुनाव


बता दें कि हाई कोर्ट ने नगर निकाय चुनाव पर आज ही ये बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के लिए रिजर्व सीटों के चुनाव पर रोक लगा दी. बिहार के स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्गों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर यह निर्णय सुनाया गया था. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रावधानों के अनुसार तब तक स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती, जब तक सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन जांच अर्हताएं नहीं पूरी कर लेती.  इसके साथ ही कोर्ट ने नगर निकाय चुनाव पर रोक लगा दी है. इस खबर से सभी प्रत्याशियों के बीच हड़कंप मच गया है. बिहार की सियासत भी गरमा गई है.


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