नालंदा: देश की महंगाई आसमान छू रही है और गरीबों का पेट भरना भी मुश्किल हो रहा है ऐसे में नालंदा के एक एमबीबीएस डॉक्टर सही मायने में धरती के भगवान का फर्ज निभा रहा है. नालंदा के बेन थाना इलाके के हांड़ी बिगहा गांव निवासी डॉक्टर ओम प्रकाश आर्य बीते 30 सालों से परबलपुर बाजार में पास सड़क किनारे क्लिनिक खोलकर मरीजों की सेवा कर रहे हैं. फीस दस रुपये होने के चलते यहां हर दिन सैकड़ों की संख्या में मरीज पहुंचते हैं. इलाज के बाद खुश होकर मरीज और उनके परिजन चिकित्सक की तारीफ भी कर रहे हैं.


सीमिति संसाधन में डॉक्टर ओम प्रकाश आर्य फुसनुमा झोपड़ी में मरीजों का इलाज कर रहे हैं. ग्रामीणों की मानें तो करीब 30 सालों से चिकित्सक मरीजों की सेवा में जुटे हैं. शुरुआत में सिर्फ चार आने में ही मरीजों को देखते थे. धीरे-धीरे बढ़कर अब दस रुपया हो गया है. लोगों ने कहा कि आसमान छूती महंगाई में गरीब मरीजों के लिए दस रुपया का फीस किसी वरदान से कम नहीं है.


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इलाके में चिकित्सक को दी जाती है इज्जत


बताया जाता है कि ओम प्रकाश आर्य जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते हैं. दो भाइयों में वह बड़े हैं. अनुभवी चिकित्सक का इनका हुनर ऐसा है कि रोते हुए आने वाले मरीज यहां से हंसते हुए जाते हैं. अपनी सेवा भाव के कारण चिकित्सक ओम प्रकाश आर्य को इलाके में काफी इज्जत दी जाती है.


सस्ती दवा देने वाली कंपनियां मिलती हैं


बताया जाता है कि डॉक्टर ओम प्रकाश आर्य के पास खास सुविधा नहीं है. वे यहां झोपड़ी में लगी चौकियों पर ही मरीजों का इलाज करते हैं. खास बात ये भी है कि वो ऐसी दवा लिखते हैं जिसके दाम कम हों और वह असरदार भी हो. सस्ती दवा उपलब्ध कराने वाली कंपनियों के प्रतिनिधि ही उनसे मिलते हैं.


मरीजों ने कहा- भगवान से कम नहीं


इलाज करा रहे एक मरीज ने बताया कि दस रुपये की फीस में कौन एमबीबीएस डॉक्टर इलाज करता है. डॉक्टर ओम प्रकाश आर्य इलाज नहीं गरीबों की सेवा कर रहे हैं. मरीजों के लिए वह भगवान से कम नहीं हैं. मरीज कलावती देवी ने बताया कि इस क्लिनिक में वह पहले अपना इलाज कराने आती थीं. इसके बाद बच्चों का अब पोते-पोतियों की भी यहां इलाज करा रही हैं.


क्या कहते हैं इलाज करने वाले चिकित्सक


ओम प्रकाश आर्य ने कहा कि प्रभु का धन्यवाद है, जिसने मुझे गरीब मरीजों की सेवा के काबिल बनाया. इस दौरान चिकित्सक ने अपने कार्य के संबंध विस्तार से जानकारी नहीं दी और कहा कि आप मरीजों से ही जान लीजिए. उन्होंने अपनी इस सेवा को मीडिया में प्रचार प्रसार नहीं करने का भी अनुरोध किया. 


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