Nawada Fire Incident: नवादा में बीते बुधवार (18 सितंबर) की शाम कई घरों को दबंगों ने आग के हवाले कर दिया था. अब इस घटना पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने गुरुवार (19 सितंबर) को निंदा की है. साथ ही बड़ा एक्शन ले लिया है. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) को व्यक्तिगत रूप से घटनास्थल का दौरा करने और जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के सूत्रों ने यह जानकारी दी है.
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सभी आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने का निर्देश भी दिया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा है कि जो लोग कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करते हैं उन्हें पकड़कर दंडित किया जाना चाहिए. सीएमओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य भर के सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि राज्य में कानून-व्यवस्था बरकरार रहे.
सीएम ने सभी जिलों के डीएम-एसपी को दिया निर्देश
अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने डीएम और एसपी को अपने-अपने जिलों की सभी जेलों की तलाशी लेने का निर्देश दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां कोई गैरकानूनी गतिविधि न हो. नवादा में हुई इस घटना को लेकर पुलिस ने अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है.
अब तक की जांच के बाद पुलिस का क्या कहना है?
प्रारंभिक जांच से संकेत मिला है कि बुधवार शाम मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मांझी टोला में भूमि विवाद के कारण हिंसा भड़की. बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से गुरुवार को जारी एक बयान के अनुसार नवादा जिले के मुफस्सिल थानान्तर्गत कृष्णानगर गांव में 18 सितंबर को कुछ लोगों के द्वारा कई मकानों में आग लगाए जाने की सूचना मिलने पर नवादा जिला पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए 15-20 मिनट में घटनास्थल पर पहुंच गई. अग्निशमन दस्ते की मदद से आग पर काबू पाया गया.
बयान के अनुसार नवादा के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल पर पहुंचकर तत्काल कार्यवाही की और स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया. बयान में कहा गया है कि रात में ही विशेष गश्ती पुलिस, मुफस्सिल थानाध्यक्ष, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (सदर) एवं अंचलाधिकारी ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की छानबीन की. इस घटना में किसी व्यक्ति के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है.
मुख्य आरोपित नंदू पासवान समेत 15 व्यक्ति गिरप्तार
इस पूरे मामले पर पुलिस मुख्यालय की ओर से कहा गया कि घटना में संलिप्त व्यक्तियों की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया. रात में ही छापेमारी करते हुए नवादा और पास के नालंदा जिले से घटना में संलिप्त मुख्य आरोपी नंदू पासवान समेत 15 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया. उनके पास से तीन देसी कट्टे और खोखे भी मिले हैं. नवादा पुलिस की विशेष टीम अन्य आरोपितों एवं संदिग्धों के विरूद्ध लगातार छापेमारी और अन्य कार्रवाई कर रही है. बयान के मुताबिक घटना का कारण वर्ष 1995 से लंबित भूमि विवाद माना जा रहा है.
नवादा के जिलाधिकारी (डीएम) आशुतोष कुमार वर्मा ने इस घटना के बारे में 'पीटीआई-भाषा' से बात करते हुए कहा कि बताया कि मांझी टोला में एक समूह ने करीब 34 घरों को नष्ट कर दिया, जिनमें से कुछ आधे-अधूरे थे. उन्होंने बताया कि मौके पर मौजूद वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट सौपेंगे. जांच में पता चला है कि कुल 34 घरों में से 21 पूरी तरह से नष्ट हो गए और 13 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं.
डीएम ने कहा कि जांच में यह भी पता चला है कि जिन घरों में आग लगाई गई उनमें से ज्यादातर एससी/एसटी समुदाय के लोगों के थे. इसलिए, शस्त्र अधिनियम और एससी और एसटी अधिनियम से संबंधित धाराओं के प्रावधानों के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. आशंका जताई जा रही है कि आरोपितों ने घरों में आग लगाने से पहले हवा में गोलियां चलाईं. हम विस्थापित लोगों को भोजन के पैकेट और पीने के पानी समेत राहत सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं. पीड़ितों के लिए अस्थाई तंबू लगाए गए हैं. इस बात का खंडन किया कि घटना में मवेशी झुलस गए हैं. उन्होंने कहा कि इसका कोई सबूत नहीं मिला है.
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